सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को शादी का झूठा वायदा करके बलात्कार के दोषी एक व्यक्ति की सजा को निलंबित कर दिया, क्योंकि उसने और पीड़िता ने एक-दूसरे से शादी करने की इच्छा जताई थी। जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने व्यक्ति से महिला को प्रपोज करने को कहा। उसके बाद जोड़े को कोर्ट रूम के अंदर फूलों का आदान-प्रदान करने के लिए भी कहा। दोनों के परिजन भी वहां मौजूद थे। उन्होंने भी विवाद को सहमति देते हुए युगल पर फूल बरसाए।
शादी के लिए माना दोषी तो सजा कर दी गई निलंबित
जज बोले- हमने लंच सेशन में दोनों पक्षों से मुलाकात की। दोनों ने एक-दूसरे से शादी करने की इच्छा जाहिर की है। कोर्ट ने व्यक्ति की सजा को निलंबित करते हुए कहा कि बलात्कार का आरोपी और पीड़िता एक-दूसरे से शादी करने के लिए तैयार हैं। हमें उम्मीद है कि शादी जल्द से जल्द हो जाएगी। ऐसी परिस्थितियों में हम सजा को निलंबित करते हैं और याचिकाकर्ता को रिहा करते हैं। आज याचिकाकर्ता 6 मई 2025 के निर्देश के अनुसार इस अदालत के समक्ष पेश हुआ। उसे वापस जेल भेजा जाएगा और सत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि सेशन कोर्ट दोषी को जमानत पर रिहा करेगा, बशर्ते कि वह उचित समझे। मामले की सुनवाई 25 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को दोषी ने दी थी चुनौती
दोषी व्यक्ति ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 5 सितंबर, 2024 के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था। हाईकोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 389(1) के तहत सजा के निलंबन के लिए उसके आवेदन को खारिज कर दिया था। आरोपी के खिलाफ मामला 2021 में एफआईआर हुई थी। उस पर 2016 से 2021 के बीच शादी का झूठा वादा करके पीड़िता से बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया गया था।
फेसबुक पर हुई थी बहन की दोस्त से मुलाकात, फिर बन गए संबंध
पुलिस के अनुसार व्यक्ति की महिला से फेसबुक के जरिए मुलाकात हुई थी, क्योंकि वह उसकी बहन की दोस्त थी। उनके बीच दोस्ती हो गई और कई मौकों पर उनके बीच शारीरिक संबंध भी बने। आरोप है कि हर बार उसने उसे आश्वासन दिया कि वह उससे शादी करेगा। आखिर में उसने यह कहते हुए मना कर दिया कि उसकी मां इसके लिए सहमत नहीं है।
2024 में ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए सुनाई थी सजा
सितंबर 2024 में, एक ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए उसे धारा 376(2)(एन) के तहत बार-बार बलात्कार के लिए 10 साल और धारा 417 आईपीसी के तहत धोखाधड़ी के लिए 2 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी।
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