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कोर्ट की डीएम को चेतावनी Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः कर्नाटक में एक हैरत में डालने वाला मामला सामने आया है। पत्नी की हत्या में नामजद एक शख्स हाईकोर्ट में जाकर एक याचिका दायर करता है और अदालत से मांग करता है कि उसे 5 करोड़ का मुआवजा दिलवाया जाए। दिलचस्प बात ये है कि निचली अदालत के जज खुद भी मान चुके हैं कि सुरेश नाम के इस शख्स के साथ नाइंसाफी हुई। अब देखना ये है कि हाईकोर्ट सुरेश की याचिका पर क्या फैसला सुनाता है। : Judiciary | Indian Judiciary
सुरेश पर था पत्नी की हत्या का आरोप
मामले के मुताबिक सुरेश को तकरीबन 1.5 साल पहले कर्नाटक पुलिस ने अरेस्ट किया था। आरोप था कि उसने अपनी पत्नी की हत्या की। सुरेश पर पुलिस ने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या करने का आरोप लगाया था। उसके खिलाफ आईपीसी की धाराओं 498 ए (पत्नी के प्रति क्रूरता), 302 (हत्या) और 201 (साक्ष्य मिटाने) के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था। एफआईआर में दावा किया गया है कि उसने अपनी पत्नी को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, उस पर किसी और के साथ संबंध होने का संदेह किया और आखिरकार 19 अक्टूबर 2020 को उसकी हत्या कर दी। उसके शव और हथियार दोनों को छिपा दिया।
सुनवाई के दौरान पत्नी हो गई पेश तो स्तब्ध रह गए सारे
हालांकि, 2 अप्रैल 2025 को सेशन कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक बड़ा मोड़ आया। सुरेश ने यह कहकर अदालत को चौंका दिया कि उसकी पत्नी वास्तव में जीवित है। उसने अदालत से उसे बुलाने का अनुरोध किया। उसके पेश होने पर अदालत ने पत्नी, उसकी मां और अन्य गवाहों के बयान लेने के बाद एक जांच बिठाई। उसके बाद अदालत ने पुष्टि की कि महिला वास्तव में जीवित थी। इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद सत्र न्यायालय ने मामले में पुलिस की भूमिका की जांच शुरू की। कोर्ट ने मैसूर के एसपी को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
सुरेश को बरी करने के साथ निचली कोर्ट ने दिया 1 लाख का मुआवजा
इस जांच के आधार पर अदालत ने सुरेश को बरी कर दिया और घोषित किया कि पुलिस उसके खिलाफ झूठा मामला दर्ज करने के लिए जिम्मेदार थी। अदालत ने आदेश दिया कि सुरेश को 1 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। हालांकि, सुरेश इस राशि से संतुष्ट नहीं था। उन्होंने अब कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें कहा गया है कि मुआवजा बहुत कम है और ट्रायल कोर्ट उन्हें गलत आपराधिक मामले का शिकार घोषित करने में विफल रहा है। उसका ये भी कहना है कि उसने पुलिस की गलती की वजह से 1.5 साल जेल में गुजारे। लेकिन सेशन कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ एक्शन न लेकर मामले को ही बंद कर दिया।
BENGALURU, petition in Karnataka High Court, 5 crore compensation, jailed for the murder of his wife, wrongful criminal case, बेंगलुरु, कर्नाटक हाई कोर्ट, 5 करोड़ का मुआवजा, पत्नी की हत्या के आरोप में जेल, गलत आपराधिक मामला