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ईरानी कनेक्शन में फंसे अडानी, अमेरिकी जर्नल में छपी खबर के बाद गिरे शेयर

द वाल स्ट्रीट जर्नल ने अडानी को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें कहा गया है कि गौतम अडानी ने ईरानियन liquefied petroleum gas (LPG) का इंपोर्ट किया था।

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Shailendra Gautam
भारतीय अरबपति गौतम अडानी

Photograph: (Google)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः उद्योगपति गौतम अडानी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले हिंडनबर्ग ने उनको खासा नुकसान पहुंचाया और अब वाल स्ट्रीट जनरल में छपी एक खबर उनके लिए मुसीबत बन रही है। आलम ये है कि आज अडानी ग्रुप की कई फर्मों के शेयर औंधे मुंह गिर पड़े। हालांकि ग्रुप चीख चीखकर कह रहा है कि वो गलत नहीं कर रहा। लेकिन अमेरिकी जर्नल की रिपोर्ट के बाद निवेशक उन पर भरोसा करने को तैयार नहीं हो रहे।  Gautam Adani | adani ports | Adani Scam 

रिपोर्ट में ईरान से गैस इंपोर्ट करने का आरोप

दरअसल,  The Wall Street Journal ने अडानी को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें कहा गया है कि गौतम अडानी ने ईरानियन liquefied petroleum gas (LPG) का इंपोर्ट किया था। आरोप है कि अडानी ने ईरानी गैस लाने के लिए गुजरात के अपने मुंद्रा पोर्ट का इस्तेमाल किया। रिपोर्ट कहती है कि हालांकि अडानी ने बड़े एहतियात से गैस अपने पोर्ट के जरिये ईरान से मंगवाई थी लेकिन अमेरिकी एजेंसियों को इसकी भनक लग गई। 

अमेरिकी प्रासीक्यूटर बेहद खफा, जांच तेज होने के आसार

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रिपोर्ट कहती है कि अमेरिकी प्रासीक्यूटर इस बात की जांच कर रहे हैं कि अडानी ने कितनी गैस भारत में मंगवाई। Wall Street में लिखा गया है कि अडानी ने पूरी एहतियात बरतते हुए LPG टैंकरों की पहचान छिपाने की कोशिश की लेकिन अमेरिका को इसकी भनक लग ही गई। अब ट्रंप प्रशासन आग बबूला है, क्योंकि ईरान पर उसने प्रतिबंध थोप रखे हैं। ऐसे में अगर कोई उद्योगपति चोरी छिपे वहां से कारोबार कर रहा है तो इससे अमेरिकी साख पर असर पड़ता है। रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका गौतम अडानी के खिलाफ नरमी नहीं बरतने जा रहा है। Wall Street की रिपोर्ट कहती है कि समुद्र में मौजूद मानिटरिंग सिस्टम को धोखा देने के लिए अडानी ने automatic identification system (AIS) का सहारा लिया। 

अडानी ग्रुप ने आरोपों को खारिज किया, कहा- कुछ गलत नहीं किया

गौतम अडानी ने इन सारी रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा है कि उसके किसी भी पोर्ट में ईरानी कार्गों नहीं आता। ग्रुप का कहना है कि उसे ये नहीं पता कि अमेरिकी अखबार में क्या छपा है। ग्रुप ने कहा है कि वो कोई ऐसा काम नहीं कर रहा जिसे गलत कहा जाए। हालांकि लाख सफाई देने के बावजूद भी ग्रुप की कई कंपनियों के शेयर औंधे मुंह गिर पड़े। निवेशन भरोसा करने को तैयार नहीं हो रहे हैं, जिसके चलते ग्रुप की कंपनियों की हालत पतली हो रही है।

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गिरे कंपनियों के शेयर, बाजार की निगाह जांच के परिणाम पर

अडानी ग्रुप की जिन कंपनियों के शेयर गिरे उनमें अडानी इंटरप्राइजेज 2.2 फीसदी, अडानी पोर्ट्स 2.5 फीसदी शामिल हैं। इसके अलावा अडानी टोटल गैस, अडानी पावर, अडानी ग्रीन, अडानी एनर्जी सोल्युशन के शेयरों में 1 से 2 फीसदी की गिरावट देखी गई। Nifty 50 index में भी .4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। ताजा घटनाक्रम अडानी को तीखा झटका देने वाला लग रहा है, क्योंकि इससे पहले सोलर एनर्जी कांट्रेक्ट हासिल करने की कवायद में उस पर घूसखोरी का आरोप अमेरिका ने लगाया था। ग्रुप की इंटरनेशनल सिक्योरिटीज पर भी इन सारे घटनाक्रमों का असर पड़ा है। डालर पर आधारित बान्ड तेजी से नीचे गिरा है। मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि अब बाजार की निगाह जांच पर लगी है। बाजार पहले ये देखेगा कि कहीं अडानी अमेरिकी शिकंजे में फंसने तो नहीं जा रहे। इससे बाहर निकलेंगे तभी हालात ठीक होंगे। 


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