नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। एशियन डेवलेपमेंट बैंक (एडीबी) के प्रेसिडेंट मसातो कांडा ने भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान गुरुवार को भारत के पहले नमो भारत कॉरिडोर का दौरा किया। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इस यात्रा के दौरान कांडा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री से मुलाकात भी करेंगे।
नमो भारत ट्रेन में यात्रा की
इस यात्रा के दौरान, एडीबी प्रेसिडेंट ने साहिबाबाद से दुहाई डिपो स्टेशन तक नमो भारत ट्रेन में यात्रा की और इस अत्याधुनिक, क्षेत्रीय रेल प्रणाली की तेज गति, आरामदायक सुविधाओं और यात्री-केंद्रित विशेषताओं का प्रत्यक्ष अनुभव लिया। उन्होंने ट्रेन और स्टेशनों के समावेशी डिजाइन की सराहना की और साथ ही इस परियोजना में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करने के लिए एनसीआरटीसी की सराहना की।
इस अवसर पर, शलभ गोयल ने कहा कि, 'एडीबी के साथ साझेदारी इस प्रणाली में नवीन तकनीकों को लाने में एनसीआरटीसी के लिए बहुत फायदेमंद रही है।' कांडा ने एनसीआरटीसी की टीम की सराहना की और कहा कि, 'हम एनसीआरटीसी के साथ एडीबी की साझेदारी को और सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण सौंपे
दुहाई स्थित डिपो में, जापान फंड फॉर प्रॉस्परस एंड रेसिलिएंट एशिया एंड द पैसिफिक (जेएफपीआर) के तहत एनसीआरटीसी द्वारा आयोजित कई सामुदायिक विकास के पहलों के विषय में उनसे जानकारी साझा की गई। इसी श्रृंखला में, प्रेसिडेंट कांडा ने दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरित किए। जेएफपीआर ग्रांट के माध्यम से आयोजित किए गए रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाली महिलाओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। इसके अलावा, इस पहल के अंतर्गत आत्मरक्षा और जीवन कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिला छात्रों ने दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किए।
गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर का पार्टनर है एडीबी
एडीबी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के लिए प्रमुख बहुपक्षीय फंडिंग पार्टनर है। इस परियोजना के लिए एडीबी लगभग 1 बिलियन अमरीकी डॉलर का योगदान दे रहा है। यह कॉरिडोर भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड क्षेत्रीय रेल प्रणाली है जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को सुदृढ़ कर उसमें परिवर्तन लाना और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सतत शहरीकरण को बढ़ावा देना है।