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बिहार के बाद अब बंगाल में घमासान मचाएगा चुनाव आयोग, SIR के लिए फरमान

एसआईआर को लेकर बंगाल के चीफ इलेक्टोरल आफिसर ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को एक आदेश जारी किया है। 26 अगस्त को उन्होंने बंगाल के चीफ सेक्रेट्री मनोज पंत को एक अलग से चिट्ठी भेजी थी।

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Shailendra Gautam
GST कलेक्शन में 12% की उछाल! जानें सीएम ममता बनर्जी ने क्यों साझा की यह जानकारी | यंग भारत न्यूज

GST कलेक्शन में 12% की उछाल! जानें सीएम ममता बनर्जी ने क्यों साझा की यह जानकारी | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः बिहार में SIR की प्रक्रिया अभी चल ही रही है कि चुनाव आयोग ने एक नया पंगा छेड़ दिया है। आयोग ने बंगाल में अब इस प्रक्रिया को शुरू करने का ऐलान कर दिया है। बिहार में ये प्रक्रिया चुनाव से महज चार महीने पहले ही शुरू कराई गई थी वहीं बंगाल में भी कुछ ऐसा ही आलम है। वहां 2026 में चुनाव होने हैं। 

आयोग ने बंगाल के चीफ सेक्रेट्री को लिखी चिट्ठी

बंगाल के चीफ इलेक्टोरल आफिसर मनोज अग्रवाल ने इस बाबत सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को एक आदेश जारी किया है। 27 अगस्त को जारी पत्र में कहा गया है कि मतदाता सूचियों के विशेष पुनरीक्षण के लिए तैयारी शुरू कर दी जाए। इससे पहले 26 अगस्त को उन्होंने बंगाल के चीफ सेक्रेट्री मनोज पंत को एक अलग से चिट्ठी भेजी थी। उनको बताया गया था कि आयोग बंगाल में एसआईआर कराने जा रहा है। लिहाजा वो सभी अफसरों को ताकीद करें कि वो तैयार रहे। उनसे यह भी कहा गया है कि सरकार तत्काल प्रभाव से इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन आफिसर्स और उनके सहायकों के पदों पर नियुक्ति करे। आयोग के पास मशीनरी होगी तभी वो मार्च-अप्रैल 2026 में होने वाले चुनावों से पहले मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कराने की स्थिति में होगा। 

बिहार की एसआईआर अभी भी पूरी नहीं

खास बात है कि बिहार की एसआईआर को लेकर भारी हंगामा मचा था। विपक्षी दलों को आपत्ति इस बात को लेकर थी कि आयोग चुनाव से महज चार महीने पहले ही ये कवायद क्यों कर रहे हैं। बिहार में आखिरी बार मतदाता सूचियों की पड़ताल साल 2003 में की गई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने एसआईआर को हरी झंडी देते हुए फरमान जारी किया कि आयोग उन 11 दस्तावेजों की सूची में आधार को भी शामिल करेगा जिनसे एसआईआर कराई जानी है। फिलहाल बिहार में तकरीबन 65 लाख वोट काटे जा चुके हैं।

बिहार की एसआईआर में मिली हैं अनियमितताएं

हालांकि जो वोट काटे गए उनमें बहुत सारा झोल है। बहुत से ऐसे लोग हैं जो हकीकत में जिंदा हैं पर मतदाता सूचियों में मृत दिखाए गए हैं। इनके अलावा दो पाकिस्तानी महिलाओं को भी एसआईआर के बाद बिहार सा वोटर बना दिया गया। यही नहीं एक 35 साल की महिला की उम्र एसआईआर के बाद 124 साल कर दी गई। मिंटा देवी नाम की इस महिला को लेकर कांग्रेस सांसदों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। 

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