नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: सिंगापुर में एक इंटरव्यू के दौरान प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान द्वारा दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। जनरल चौहान ने स्वीकार किया कि हालिया सैन्य टकराव में भारतीय वायुसेना को विमान के नुकसान का सामना करना पड़ा था, हालांकि उन्होंने पाकिस्तान द्वारा छह राफेल विमानों को गिराने के दावे को पूरी तरह खारिज किया।
सरकार को इसकी वास्तविकता संसद के सामने रखनी चाहिए
इस बयान के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए मांग की है कि इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र तत्काल बुलाया जाए और रक्षा से जुड़े नुकसान की पारदर्शिता के साथ जानकारी दी जाए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारतीय पायलटों ने दुश्मन से लोहा लेते हुए अपनी जान जोखिम में डाली, और कुछ नुकसान जरूर हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसकी वास्तविकता संसद के सामने रखनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कारगिल समीक्षा समिति की तर्ज पर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति से मौजूदा रक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा कराने की मांग भी दोहराई।
अब मोदी सरकार पारदर्शिता का परिचय देगी?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने याद दिलाया कि 1999 में कारगिल युद्ध के ठीक तीन दिन बाद अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ के सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में कारगिल समीक्षा समिति का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट ‘From Surprise to Reckoning’ शीर्षक से संसद में पेश की गई थी। रमेश ने सवाल उठाया कि क्या अब मोदी सरकार भी उसी तरह पारदर्शिता का परिचय देगी?
सैन्य अभियान में एक राफेल विमान गिराया गया
तेलंगाना सरकार में मंत्री और पूर्व वायुसेना पायलट उत्तम कुमार रेड्डी ने CDS जनरल चौहान के बयान का हवाला देते हुए दावा किया कि हालिया चार दिवसीय सैन्य अभियान में एक राफेल विमान गिराया गया था। उन्होंने कहा कि अब जबकि खुद CDS ने यह बात मानी है, केंद्र सरकार को इससे इनकार करना बंद कर देना चाहिए। रेड्डी ने यह भी कहा कि इससे पहले एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने भी इस ओर इशारा किया था।
सशस्त्र बलों की बहादुरी पर देश के गर्व है
रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस भारतीय सशस्त्र बलों का पूरा समर्थन करती है और उनकी बहादुरी पर देश को गर्व है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हर सैन्य संघर्ष के बाद देश को यह बताया जाना चाहिए कि किसे कितना नुकसान हुआ, और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए रणनीति और तकनीकी क्षमता की समीक्षा अनिवार्य है। कांग्रेस नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी मंशा सेना का मनोबल गिराना नहीं बल्कि देश की सुरक्षा को और मज़बूत करना है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह तथ्यों को छिपाने के बजाय ईमानदारी से देश को सच्चाई बताए।
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