नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों को कश्मीर की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी है। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी इस ट्रेवल एडवाइजरी में जम्मू-कश्मीर में संभावित आतंकी हमलों और हिंसक अशांति की चेतावनी दी गई है।
अमेरिकी नागरिकों के लिए यह परामर्श बुधवार को जारी किया गया। इससे एक दिन पहले ही आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में गोलीबारी की थी।
अमेरिका ने जारी की हाई अलर्ट चेतावनी
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से बुधवार को जारी की गई ट्रेवल एडवाइजरी में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी हमले और हिंसक नागरिक अशांति की संभावना बनी रहती है। इस राज्य की यात्रा न करें पूर्वी लद्दाख और लेह को छोड़कर। अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में भी अपने नागरिकों को जाने से परहेज करने को कहा है। इसके पीछे "सशस्त्र संघर्ष की आशंका को वजह बताया गया है।
पहलगाम हमला बना कारण
यह एडवाइजरी 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद जारी की गई। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। यह हमला 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद घाटी में अब तक का सबसे घातक हमला माना जा रहा है। अमेरिकी सरकार ने विशेष रूप से कश्मीर के पर्यटन स्थलों श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम में आतंकी गतिविधियों और हिंसा की आशंका को लेकर आगाह किया है। अमेरिका का कहना है कि इन क्षेत्रों में अस्थिरता बनी रहती है और विदेशी नागरिक खतरे में पड़ सकते हैं।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
इस आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित, पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती और पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करने की घोषणा की है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंक का समर्थन देने वाला देश बताया है।