नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: पीएम नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेशकियन से फोन पर बात कर मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव को लेकर गहरी चिंता जताई। इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय हालात की स्थिरता और शांति को लेकर विस्तार से चर्चा की।
पश्चिम एशिया बल्कि वैश्विक शांति को भी खतरा
प्रधानमंत्री मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति से कहा कि मौजूदा हालात बेहद चिंताजनक और अस्थिरता भरे हैं और इनसे न केवल पश्चिम एशिया बल्कि वैश्विक शांति को भी खतरा है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में तनाव को तुरंत कम करना और संवाद के साथ ही संयम का रास्ता अपनाना जरूरी है।
भारत की भूमिका: संवाद और संतुलन का आग्रह
प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ोर देते हुए कहा कि भारत हमेशा से संवाद, कूटनीति और शांतिपूर्ण समाधान का समर्थक रहा है। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को शांति का मार्ग अपनाकर स्थिरता और विकास की दिशा में बढ़ना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत सौहार्दपूर्ण रही, जिसमें हिंसा से दूर रहकर आगे बढ़ने की आवश्यकता पर सहमति बनी।
पश्चिम एशिया में भारत की चिंता
बढ़ते तनाव के बीच भारत की यह पहल कूटनीतिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है। ईरान और इज़रायल के बीच हालिया संघर्ष, अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह बातचीत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सक्रियता को दर्शाती है।
भारत क्षेत्रीय संघर्ष को लेकर गंभीरतापूर्वक चिंतित
पीएम नरेंद्र मोदी की ईरानी राष्ट्रपति से बातचीत से साफ है कि भारत क्षेत्रीय संघर्ष को लेकर गंभीरतापूर्वक चिंतित है और वह शांति, संवाद और स्थिरता के पक्ष में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। आने वाले दिनों में भारत इस दिशा में और अधिक कूटनीतिक पहल कर सकता है।