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सीमा पार के दर्द : पाकिस्तान-बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले पर भारत का एक्शन, जानें पूरी खबर

भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर 3,582 हमलों का मुद्दा उठाया है और पाकिस्तान के साथ भी 334 बड़े मामले उठाए हैं। यह भारत के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, और इस पर कूटनीतिक स्तर पर कार्रवाई की जा रही है।

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Ajit Kumar Pandey
सीमा पार के दर्द : पाकिस्तान-बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले पर भारत का एक्शन, जानें पूरी खबर | यंग भारत न्यूज

सीमा पार के दर्द : पाकिस्तान-बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले पर भारत का एक्शन, जानें पूरी खबर | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे लगातार हमलों से भारत चिंतित है। पिछले 5 सालों में 3,582 हमलों की घटनाओं पर भारत ने बांग्लादेश सरकार के सामने आपत्ति जताई है। पाकिस्तान के साथ भी 334 बड़े मामले उठाए गए हैं। यह मुद्दा भारत के लिए संवेदनशील है और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर इसकी गूंज सुनाई दे रही है।

पड़ोसी देश बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को लेकर भारत ने अपनी चिंता जाहिर की है। हाल ही में विदेश मंत्रालय ने संसद में एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया गया कि पिछले 5 सालों में 3,582 हमलों की घटनाएं हुई हैं। ये हमले सिर्फ हिंदुओं तक सीमित नहीं, बल्कि अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को भी निशाना बनाया गया है। इन घटनाओं में जबरन धर्म परिवर्तन, अपहरण, लूटपाट और मंदिरों को नुकसान पहुंचाना जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।

क्या कहता है भारत का विदेश मंत्रालय?

भारत सरकार ने बांग्लादेश सरकार के सामने इन घटनाओं पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है और इस संबंध में नियमित रूप से बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ बातचीत करता रहता है। उन्होंने कहा कि भारत ने इन मामलों को गंभीरता से लिया है और उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार इस पर ठोस कार्रवाई करेगी।

पाकिस्तान के साथ भी उठाया गया मुद्दा

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दिलचस्प बात यह है कि भारत ने सिर्फ बांग्लादेश ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के साथ भी अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर 334 बड़े मामले उठाए हैं। इनमें जबरन धर्मांतरण और अपहरण के मामले प्रमुख हैं। यह दिखाता है कि भारत अपने पड़ोसी देशों में रह रहे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है।

आखिर क्यों हो रहे हैं ये हमले?

पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे इन हमलों के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि कट्टरपंथी संगठनों का बढ़ता प्रभाव, राजनीतिक अस्थिरता और सांप्रदायिक तनाव इसके मुख्य कारण हैं। सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली झूठी खबरें और अफवाहें भी इन हमलों को भड़काने का काम करती हैं।

कट्टरपंथी विचारधारा: कुछ चरमपंथी समूह अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिश करते हैं।

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जमीनी विवाद: कई बार जमीनी विवाद को सांप्रदायिक रंग देकर भी हिंसा फैलाई जाती है।

सोशल मीडिया का दुरुपयोग: झूठी खबरों के जरिए नफरत फैलाने और भीड़ को उकसाने का काम तेजी से होता है।

भारत की कूटनीतिक पहल

इन घटनाओं को देखते हुए भारत ने कूटनीतिक स्तर पर कई कदम उठाए हैं। भारत ने बांग्लादेश को लगातार यह संदेश दिया है कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक संवेदनशील मुद्दा है और इस पर ध्यान देना जरूरी है। भारत ने बांग्लादेश से इन हमलों की जांच करने और दोषियों को सजा देने की अपील की है।

पाकिस्तान में भी ऐसी ही स्थिति

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पाकिस्तान में भी अल्पसंख्यक हिंदू और सिख समुदाय लगातार उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। जबरन शादी, धर्मांतरण और अपहरण जैसी घटनाएं आम हैं। भारत ने इन मुद्दों को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी उठाया है और पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमले और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का मुद्दा न केवल इन देशों की आंतरिक समस्या है, बल्कि यह पूरे दक्षिण एशिया में शांति और सद्भाव के लिए एक चुनौती भी है। भारत ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है और उम्मीद है कि उसकी कूटनीतिक पहल का सकारात्मक परिणाम सामने आएगा। यह देखना होगा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान इस पर क्या कदम उठाते हैं।

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