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अब सेना में अग्निवीरों की शारीरिक फिटनेस मानदंडों में होगा बदलाव, शीर्ष अफसरों पर भी लागू होंगे नए दिशानिर्देश

साल में दो बार संयुक्त शारीरिक परीक्षण से गुजरना होगा और उसे पास करना होगा। युद्धक तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से सेना ने नए संभावित दिशानिर्देशों का पालन जरूरी

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Mukesh Pandit
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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। युद्धक तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से सेना ने नए संभावित दिशानिर्देशों के साथ अग्निवीरों से लेकर शीर्ष अधिकारियों तक के लिए शारीरिक फिटनेस मानदंडों को फिर से तैयार करने का फैसला किया है। इसके तहत उन्हें साल में दो बार संयुक्त शारीरिक परीक्षण से गुजरना होगा और उसे पास करना होगा। सूत्रों ने बताया कि अब तक, 50 वर्ष की आयु तक के अधिकारियों और जवानों को हर साल दो अलग-अलग शारीरिक परीक्षाएं-युद्धक शारीरिक दक्षता परीक्षा (बीपीईटी) और शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीपीटी) पास करनी होती थीं। इसका मतलब था कि सबसे वरिष्ठ अधिकारियों को उम्र के आधार पर छूट दी जाती थी।

नए परीक्षणों के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 60 वर्ष की

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक अप्रैल, 2026 से लागू होने वाले संशोधित मानदंडों के अनुसार, नए परीक्षणों के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई है। इस प्रकार, नए दिशानिर्देश लागू होने के बाद अग्निवीर से लेकर तीन-सितारा सैन्य कमांडरों तक सभी पर लागू होंगे। सेना में व्यक्तिगत रूप से आयोजित होने वाली दो परीक्षाओं के स्थान पर संयुक्त शारीरिक परीक्षाएं होंगी, जो अर्ध-वार्षिक अंतराल पर आयोजित की जाएंगी। 

संयुक्त शारीरिक परीक्षण

संयुक्त शारीरिक परीक्षणों पर तीन अक्टूबर के दस्तावेज में कहा गया है, सैनिकों के लिए शारीरिक फिटनेस अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि वे सैन्य प्रशिक्षण और बहु-क्षेत्रीय अभियानों की कठिनाइयों के हालात के अनुरूप खुद को ढाल सकें। ताकत, सहनशक्ति और चपलता युद्ध की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जिससे सैनिक गतिशील परिस्थितियों में शीघ्रता और प्रभावी ढंग से कार्रवाई कर सकते हैं। 

युद्धकला में डिजिटलीकरण

दस्तावेज में कहा गया, चुस्त-दुरुस्त सैनिक अपनी यूनिट के लिए अधिक सक्षम, विश्वसनीय और प्रभावी भूमिका में होता है, जो अंततः मिशन की सफलता में योगदान देता है। इसमें कहा गया कि आधुनिक युद्धकला में डिजिटलीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति के बावजूद सैन्य अभियानों में ‘‘मानवीय तत्व अब भी महत्वपूर्ण है। दस्तावेज में कहा गया, सभी स्तर पर कमांडरों को भी अपने सभी वरिष्ठ अधिकारियों के लिए आदर्श बनना चाहिए और हर समय अग्रिम मोर्चे पर टीम का नेतृत्व करने में सक्षम होना चाहिए। 

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विभिन्न आयु समूहों और लिंगों के लिए बीपीईटी और पीपीटी को मिलाकर संयुक्त तालिकाएं तैयार की गई हैं। दस्तावेज के अनुसार, परीक्षाओं को एकल-स्तरीय प्रणाली में परिवर्तित कर दिया गया है, जिससे संचालन में आसानी सुनिश्चित होती है। ये तालिकाएं विभिन्न आयु समूहों के पुरुष और महिला कर्मियों से अपेक्षित मानकों और रेटिंग प्रणाली को निर्धारित करती हैं। Indian Army Action | indian army | Indian Army bravery | Indian Army Heroism

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