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Ahmedabad Plane Crash: अपनों की तलाश, DNA ने बताया सच! जानिए — क्या बोले पुलिस आयुक्त जीएस मलिक? | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।अहमदाबाद में हुए दर्दनाक विमान हादसे के बाद अपनों को खोने वाले परिवारों का दर्द गहराता जा रहा है। आज गुरूवार 19 जून 2025 को पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने बताया कि अब तक 222 शवों की शिनाख्त हो चुकी है, जिनमें से 214 की पहचान DNA जांच से हुई है. ब्लैक बॉक्स विश्लेषण समेत तकनीकी जांच जारी है, जो हादसे के कारणों का खुलासा करेगी।
अहमदाबाद में हाल ही में हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना ने कई परिवारों से उनके अपने छीन लिए, और अब भी हर तरफ़ मायूसी और इंतज़ार का माहौल है। यह सिर्फ़ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि कई जिंदगियों का असमय अंत है, जिसने मानवीय संवेदनाओं को झकझोर दिया है।
अहमदाबाद पुलिस आयुक्त ने दी पूरी अपडेट
हादसे के बाद राहत और पहचान का अभियान तेज़ी से जारी है। अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने इस संवेदनशील मामले पर एक महत्वपूर्ण अपडेट दिया है। उन्होंने बताया कि पुलिस अपनी जांच में जुटी हुई है, लेकिन हादसे के तकनीकी पहलुओं को समझने के लिए अन्य विशेष एजेंसियां और विशेषज्ञ भी काम कर रहे हैं। खासकर, ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण एक अहम कड़ी है, जो यह बताएगा कि आख़िर इतनी बड़ी दुर्घटना हुई कैसे। यह विश्लेषण ही हादसे के पीछे के छुपे रहस्यों को उजागर करेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद करेगा।
#WATCH | #AirIndiaPlaneCrash | Gujarat | Ahmedabad Police Commissioner GS Malik says, "Police also do their part of the investigation, but other agencies and the experts do the technical part, like analysing the black box, and the investigation is underway... 222 people have been… pic.twitter.com/W2Paj5GnnV
— ANI (@ANI) June 19, 2025
222 में से 214 शवों की हुई पहचान
पुलिस आयुक्त मलिक ने जानकारी दी कि अब तक कुल 222 लोगों की पहचान की जा चुकी है। यह पहचान प्रक्रिया बेहद जटिल और भावनात्मक रही है, क्योंकि कई शवों की स्थिति ऐसी नहीं थी कि उन्हें सीधे तौर पर पहचाना जा सके। ऐसे में, DNA नमूने एक वरदान साबित हुए हैं। 222 में से 214 शवों की पहचान DNA नमूनों के आधार पर की गई है, जो विज्ञान और धैर्य का एक बेहतरीन उदाहरण है। बाकी 8 शवों की पहचान बिना DNA के, अन्य माध्यमों से हुई है। पहचान होते ही, इन सभी शवों को उनके शोक संतप्त परिवारों को सौंप दिया गया है, ताकि वे अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार कर सकें और उन्हें शांति मिल सके। यह प्रक्रिया भले ही धीमी और कष्टदायक हो, लेकिन हर परिवार को अपने बिछड़े हुए सदस्य का अंतिम दर्शन करने का अधिकार है।
इस हादसे ने एक बार फिर हवाई यात्रा की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का गहन अध्ययन यह जानने में मदद करेगा कि क्या यह पायलट की गलती थी, तकनीकी खराबी थी, या कोई अन्य अप्रत्याशित कारण। जांच टीमें दिन-रात काम कर रही हैं ताकि सच्चाई सामने आ सके। यह केवल एक जांच नहीं है, बल्कि उन परिवारों को जवाब देने की एक कोशिश है जिन्होंने अपने सब कुछ खो दिया है।
इस मुश्किल घड़ी में, सरकार और प्रशासन पूरी तरह से परिवारों के साथ खड़े हैं। पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद मुहैया कराई जा रही है, जिसमें मनोवैज्ञानिक सहायता और आर्थिक मदद भी शामिल है। यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को टाला जा सके और हवाई यात्रा को और ज़्यादा सुरक्षित बनाया जा सके। इस अहमदाबाद विमान दुर्घटना से सबक लेना ज़रूरी है ताकि आगे ऐसी कोई त्रासदी न हो। हम सभी को उम्मीद है कि जल्द ही जांच पूरी होगी और हादसे के कारणों का पूरी तरह से खुलासा होगा।
क्या आप मानते हैं कि ऐसी दुर्घटनाओं के बाद जांच में तेज़ी आनी चाहिए? अपनी राय कमेंट करके बताएं!
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