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''मौत से बस 40 सेकंड की दूरी पर था''! चश्मदीद की जुबानी जानें - अहमदाबाद विमान हादसे की खौफनाक कहानी

अहमदाबाद विमान हादसे में चश्मदीद की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी। उसने बताया कैसे दोस्त मलबे में दबे थे, और कैसे उसने लोगों को बचाने की कोशिश की। यह त्रासदी सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाती है।

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Ajit Kumar Pandey
''मौत से बस 40 सेकंड की दूर था''! चश्मदीद की जुबानी जानें - अहमदाबाद विमान हादसे की खौफनाक कहानी | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना में कई निर्दोष जानें चली गईं, और पीछे रह गए सिर्फ चीखें, धुआं, और मलबे का ढेर। एक चश्मदीद, जो हादसे वाली जगह से महज 40 सेकंड की दूरी पर था, ने बताया कि कैसे उसने अपनी आंखों से इस खौफनाक मंजर को देखा और दोस्तों को बचाने की हर मुमकिन कोशिश की। उसने बताया कि कैसे छात्रों के शवों को मलबे से निकाला गया, जिनमें से कुछ तो उसके अपने दोस्त थे, और कैसे धमाकों से बचने के लिए सिलेंडरों को हटाया गया। 

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बता दें कि यह हादसा उस वक्त हुआ जब एक विमान अचानक रिहायशी इलाके में आ गिरा। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। चश्मदीद ने बताया, "मैं बस 40 सेकंड दूर था, जहां पर यह घटना हुई। जैसे ही धमाका हुआ, मैं मदद के लिए भागा और अपने दोस्तों को भी बुलाया।" यह सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि कैसे कुछ पलों ने ही जिंदगी और मौत का अंतर तय कर दिया।

चारो ओर सिर्फ आग की लपटें ही थीं

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हादसे की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विमान गिरने के तुरंत बाद हर तरफ आग की लपटें उठने लगीं और काला धुआं आसमान में छा गया। चश्मदीद ने आगे बताया, "मैंने मलबे से छात्रों के शवों को बाहर निकाला, उनमें से कुछ तो मेरे दोस्त थे। वे छात्र दोपहर का भोजन कर रहे थे।" यह दृश्य कल्पना से भी परे है, जब कोई अपने ही दोस्तों को मलबे के ढेर से निकालने को मजबूर हो। जिन छात्रों की हंसी और ठहाके कुछ देर पहले गूंज रहे थे, वे पल भर में खामोश हो गए। 

चश्मदीद ने आगे बताया कि सबसे पहले उन्होंने धमाकों से बचने के लिए सिलेंडरों को मलबे से बाहर निकाला। "हमने आग बुझाने वाले यंत्रों का उपयोग करने की कोशिश की, लेकिन वे ठीक से काम नहीं कर रहे थे। यह एक भयावह दृश्य था।" 

सुरक्षा मानकों पर उठ रहे सवाल

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अहमदाबाद एयर क्रैश ने सुरक्षा मानकों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस तरह की घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि शहरी क्षेत्रों के ऊपर से गुजरने वाले विमानों की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। सरकार और संबंधित प्राधिकरणों को ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी फिर न हो। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ज़िंदगी कितनी अनमोल है और एक पल में सब कुछ बदल सकता है।

अहमदाबाद एयर क्रैश की यह दर्दनाक कहानी उन सभी लोगों के दिलों में एक घाव छोड़ गई है जिन्होंने अपनों को खोया है या इस भयावह मंजर को अपनी आंखों से देखा है।

क्या आप इस घटना से सहमत हैं? कमेंट करके हमें बताएं। 

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