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AI Plane Crash आखिर सच क्या? विमानन मंत्री ने क्यों कहा 'जांच में कोई गड़बड़ी नहीं' | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।अहमदाबाद एअर इंडिया विमान हादसे की जांच को लेकर उठ रहे सवालों के बीच विमानन मंत्री राममोहन नायडू ने बड़ा बयान दिया है। उनका साफ कहना है कि 260 मौतों वाले इस भयावह क्रैश की जांच में कोई 'गड़बड़ी' नहीं हो रही है। लेकिन, क्या यह सिर्फ एक आश्वासन है या मंत्री जी ने अनजाने में बड़े राज़ पर पर्दा डाल दिया है?
आखिर दुर्घटना जांच ब्यूरो AAIB की जांच पर सवाल क्यों उठ रहे हैं और मंत्री ने अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करने को क्यों कहा? आइए, जानते हैं इस पूरे मामले की अंदरूनी सच्चाई, जो हर भारतीय को जाननी जरूरी है।
हादसा: वह मनहूस 12 जून जब थम गईं 260 धड़कनें
तारीख थी 12 जून और साल 2025। एक सामान्य दिन, जो एअर इंडिया के विमान में सवार 260 लोगों के लिए अंतिम साबित हुआ। यह हादसा इतना भयावह था कि इसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अपनों को खोने वाले परिवारों का दर्द आज भी गहरा है। लेकिन, दर्द से ज्यादा उन्हें चाहिए जवाब। क्या पायलट की गलती थी? क्या विमान में कोई तकनीकी खराबी थी? या यह कोई ऐसी भूल थी जिसे टाला जा सकता था? 260 लोगों की जान का सवाल है, इसलिए जांच में पारदर्शिता की मांग उठना स्वाभाविक है।
जांच पर सवाल 'गड़बड़ी' की अफवाहों ने क्यों पकड़ा जोर?
अहमदाबाद विमान हादसे के तुरंत बाद विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो AAIB ने अपनी जांच शुरू कर दी। AAIB का काम है सिर्फ सच सामने लाना। लेकिन, कुछ सूत्रों और नागरिक उड्डयन विशेषज्ञों का मानना है कि जांच की गति और कुछ शुरुआती निष्कर्षों को लेकर संदिग्धता है।
बिलंब: शुरुआती रिपोर्ट आने में देरी हुई, जिसने संदेह को जन्म दिया।
दबाव की आशंका: कुछ लोगों ने संकेत दिए कि जांच पर राजनीतिक या कॉर्पोरेट दबाव हो सकता है।
साक्ष्यों की अनदेखी: अफवाहें थीं कि विमान क्रैश से जुड़े कुछ अहम तकनीकी साक्ष्यों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
यही वजह है कि जब मंत्री राममोहन नायडू ने 'जांच में कोई गड़बड़ी नहीं' की बात कही तो यह बयान सिर्फ एक खंडन नहीं, बल्कि आश्वासन बन गया, जिस पर सबकी निगाहें टिक गईं।
विमानन मंत्री का 'वेट एंड वॉच' सिग्नल क्या है रिपोर्ट में छिपा सच?
मंत्री राममोहन नायडू ने अपने बयान में जोर देकर कहा, "हम सभी को यह जानने के लिए एएआईबी की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना होगा कि वास्तव में क्या हुआ था।" यह बयान कई मायनों में अहम है।
AAIB पर भरोसा: यह सीधे तौर पर जांच एजेंसी के काम पर पूरा भरोसा जताना है।
अफवाहों को विराम: इसका मकसद उन सभी अटकलों और अफवाहों पर विराम लगाना है, जो जांच की दिशा पर सवाल उठा रही हैं।
बड़ा खुलासा: मंत्री का यह इंतजार करने वाला लहजा बताता है कि अंतिम रिपोर्ट में कोई अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी या बड़ा खुलासा हो सकता है जो इस हादसे की पूरी तस्वीर बदल देगा।
क्या जांच ब्यूरो किसी ऐसी अनदेखी गलती को उजागर करने वाला है जो विमानन सुरक्षा के लिए एक बड़ा सबक होगी? या फिर तकनीकी विफलता का कोई ऐसा पहलू सामने आएगा, जिसकी कल्पना भी नहीं की गई थी?
कब आएगी अंतिम रिपोर्ट और क्या होगा असर?
अब सबकी निगाहें AAIB की अंतिम रिपोर्ट पर टिकी हैं। यह रिपोर्ट न सिर्फ 260 पीड़ितों के परिवारों को न्याय दिलाएगी, बल्कि देश की विमानन सुरक्षा नीति Aviation Safety Policy में भी बड़े बदलाव ला सकती है।
मंत्री का आश्वासन भले ही तात्कालिक हो लेकिन, पारदर्शिता ही इस हादसे के बाद विश्वास बहाल करने का एकमात्र रास्ता है। भारत सरकार और विमानन मंत्रालय के लिए यह एक अग्निपरीक्षा है कि वे हादसे के सच को कितनी ईमानदारी से देश के सामने रखते हैं।
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