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खुलने लगा Al-Falah University के मालिक जावेद सिद्दीकी का काला चिठ्ठा, जानें पूरा मामला

अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मालिक जावेद अहमद सिद्दीकी का विवादों से पुराना नाता, खुलने लगा काला चिठ्ठा। चिट फंड केस, 9 कंपनियों से संबंध और हालिया आतंकी मॉड्यूल जांच में यूनिवर्सिटी के नाम पर उठे सवाल। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

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Dhiraj Dhillon
AL- Falah University
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मालिक 61 वर्षीय जावेद अहमद सिद्दीकी का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। दिल्ली ब्लास्ट से तार जुड़ने के बाद जब जांच एजेंसियों ने अल- फलाह यूनिवर्सिटी की कुंडली खंगालनी शुरू की तो जावेद अहमद सिद्दीकी का काला चिठ्ठा सामने आने लगा। जांच एजेंसियों के मुताबिक जावेद तीन साल जेल में रह चुका है। वह पहले चिट फंड का कारोबार करता था। आरोप है कि जावेद ने निवेशकों का पैसा वापस नही किया। मामले में जावेद के खिलाफ 14-15 मुकदमें दर्ज हुए। माना जा रहा है कि चिट फंड से मिली कमाई को ही यूनिवर्सिटी खड़ा करने में लगाया गया। हालांकि बाद में जावेद ने सभी निवेशकों को पैसे लौटा दिए और सारे मामले भी छूट गए।

जावेद और सऊद पर लगा था 7.5 करोड़ की हेराफेरी का आरोप

साल 2000 में दर्ज एफआईआर (संख्या 43/2000) में जावेद और उनके भाई सऊद अहमद पर 7.5 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगा था। यह मामला नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में दर्ज हुआ था, जिसमें IPC की धाराएं 420, 406, 409, 468, 471 और 120बी शामिल थीं। जावेद ने इंदौर से बीटेक सिविल इंजीनियरिंग किया और 1992 में जामिया मिलिया इस्लामिया में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए। जनवरी 1994 तक उन्होंने यहां नौकरी की। उनकी दोनों बहनें और दोनों बेटे दुबई में रहते हैं।

नौ कंपनियों से जुड़ाव, ट्रस्ट के अध्यक्ष भी

सिद्दीकी अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं, जो फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर संचालित करता है। जावेद का संबंध नौ कंपनियों से है, इनमें इनवेस्टमेंट, शिक्षा, सॉफ्टवेयर, ऊर्जा, निर्यात और कंसल्टेंसी से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं।अधिकांश का रजिस्टर्ड पता एक ही जगह, अल-फलाह हाउस, जामिया नगर, ओखला, नई दिल्ली है। अल-फलाह यूनिवर्सिटी एक बार फिर जांच के दायरे में है। 10 नवंबर को रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके में शामिल उग्रवादी डॉक्टरों के मॉड्यूल का खुलासा होने के बाद तीन आरोपी डॉक्टर, उमर उन नबी, मुजम्मिल अहमद गनाई और शाहीन शाहिद, यही पर पढ़ाते थे। धमाके में 13 लोगों की मौत हुई थी।

जांच में खुल रही नई परतें

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिकॉर्ड बताते हैं कि जावेद का सबसे पुराना जुड़ाव अल-फलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी थी, जिसमें वे 1992 में शामिल हुए थे। हाल में वे अल-फलाह एजुकेशन सर्विस और अन्य कंपनियों में भी जुड़े हैं। ट्रस्ट और कंपनियों में उस्मा अख्तर और आलिया सिद्दीकी के नाम भी शामिल हैं। उस्मा अख्तर वर्तमान में यूएई में रहती हैं और कई बिजनेस से जुड़ी हैं। अल-फलाह यूनिवर्सिटी की शुरुआत 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई थी। अब यूनिवर्सिटी आतंकी मॉड्यूल जांच के बाद सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है।
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