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जम्मू, वाईबीएन डेस्क:भारत की सबसे पवित्र और कठिन धार्मिक यात्राओं में से एक अमरनाथ यात्रा इस वर्ष भी पूरी श्रद्धा और सुरक्षा व्यवस्था के बीच जारी है। रविवार तड़के जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से 7,200 से अधिक श्रद्धालुओं का एक और जत्था दक्षिण कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर के दर्शन के लिए रवाना हुआ। गौर करने वाली बात यह है कि यह जत्था उस समय रवाना हुआ जब रातभर जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में भारी बारिश हुई थी, जिससे यात्रा मार्गों और मौसम को लेकर चिंताएं थीं। लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह मौसम की बाधाओं से कहीं अधिक मजबूत साबित हुआ। अधिकारियों के मुताबिक, रविवार को रवाना हुआ जत्था अब तक का सबसे बड़ा जत्था है जो कि बुधवार के बाद से किसी एक दिन में निकला। श्रद्धालुओं को दो काफिलों में रवाना किया गया।
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अब तक 50,000 से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन
पहला काफिला 147 गाड़ियों में सवार 3,199 श्रद्धालुओं को लेकर बालटाल मार्ग से रवाना हुआ। वहीं दूसरा काफिला 160 वाहनों में 4,009 श्रद्धालुओं के साथ पारंपरिक पहलगाम मार्ग पर निकला। इस जत्थे में 1,587 महिलाएं, 30 बच्चे, और सैकड़ों बुजुर्ग भी शामिल थे। सुरक्षा बलों की निगरानी में इन काफिलों को रवाना किया गया, ताकि यात्रा शांतिपूर्वक और सुरक्षित ढंग से पूरी हो सके। 3 जुलाई से शुरू हुई यह 38 दिवसीय तीर्थयात्रा अब तक सुचारु रूप से चल रही है। प्रशासन के अनुसार, अभी तक 50,000 से ज्यादा श्रद्धालु गुफा मंदिर में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। जम्मू से अब तक कुल 31,736 श्रद्धालु घाटी की ओर प्रस्थान कर चुके हैं, और आने वाले दिनों में यह संख्या कई गुना बढ़ने की संभावना है।
अप्रैल हमले के बाद सुरक्षा सख्त
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22 अप्रैल को पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 श्रद्धालुओं की जान गई थी, ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे। उसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है। भगवती नगर आधार शिविर में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे बनाए गए हैं। पूरे यात्रा मार्ग पर सशस्त्र बल, ड्रोन निगरानी, और कंट्रोल रूम सक्रिय हैं। यात्रा में शामिल हर यात्री को RFID टैग दिया जा रहा है, जिससे उनकी रीयल-टाइम लोकेशन ट्रैक की जा सके।
सुविधाओं का पूरा इंतजाम
- जम्मू में 34 आवासीय केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां रहने, भोजन और चिकित्सा की उचित व्यवस्था है।
- 12 पंजीकरण काउंटर पर मौके पर ही रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है।
- अब तक 3.5 लाख से अधिक श्रद्धालु ऑनलाइन पंजीकरण कर चुके हैं।
- शिविरों में 24x7 हेल्प डेस्क, स्वास्थ्य शिविर और स्वच्छता सुविधाएं भी सुनिश्चित की गई हैं।
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आस्था और विश्वास की मिसाल
भारी बारिश, लंबा सफर और सुरक्षा चिंताओं के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं देखी जा रही है। सुबह 3:30 से 4:15 बजे के बीच काफिले के निकलते समय नारे गूंज रहे थे “बोल बम! हर हर महादेव!हर साल की तरह इस बार भी यह यात्रा न सिर्फ धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह भारत की सांप्रदायिक एकता, प्रशासनिक प्रबंधन और नागरिकों की आस्था का अद्भुत उदाहरण भी बन गई है। amarnath yatra 2025
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