नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। कनाडा (Canada) में खालिस्तानी लगातार हिंदू विरोधी एजेंडा चला रहे हैं। खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा के टोरंटो में एक हिंदू विरोधी परेड निकाली, जिसमें कनाडा में रहने वाले 8 लाख हिंदुओं को भारत (India) वापस भेजने की मांग की गई। खालिस्तान समर्थकों ने बड़ी परेड निकाली, जिसमें भारतीय नेताओं के पुतले को पिंजरे के अंदर रखा। परेड के दौरान हिंदुओं के विरोध में जमकर नारेबाजी भी गई। मार्क कार्नी (PM Mark Carney) के प्रधानमंत्री बनने के बाद खालिस्तान समर्थकों ने यह रैली निकाली है, जो चिंता पैदा करने वाली है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या नई सरकार खालिस्तानियों पर कोई एक्शन लेगी या नहीं।
पिंजरे में पीएम मोदी, अमित शाह का पुतला
कनाडा के टोरंटो में रविवार को माल्टन गुरुद्वारे से परेड निकाली गई। खालिस्तानी समर्थकों की परेड में एक एक ट्रक के ऊपर पिंजरे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के पुतले रखे थे। इसमें खालिस्तान समर्थकों ने हिंदू विरोधी नारेबाजी की। इस परेड के वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं।
क्या कार्नी का कनाडा ट्रूडो से अलग होगा?
एक पत्रकार डेनियल बोर्ड ने खालिस्तानियों की परेड का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "हमारी सड़कों पर उत्पात मचाने वाले जिहादियों ने सामाजिक ताने-बाने को काफी नुकसान पहुंचाया है और वे हर यहूदी को धमका रहे हैं। लेकिन खालिस्तानी समाज के लिए सबसे घृणित विदेशी वित्तपोषित खतरे के रूप में उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं। क्या मार्क कार्नी का कनाडा जस्टिन ट्रूडो के कनाडा से अलग होगा?"
"यह हिंदू विरोधी घृणा है"
एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शॉन बिंदा ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "माल्टन गुरुद्वारा (टोरंटो) में के-गैंग ने बेशर्मी से 800,000 हिंदुओं की वापसी की मांग की है - जिनके जीवंत समुदाय त्रिनिदाद, गुयाना, सूरीनाम, जमैका, दक्षिण अफ्रीका, नीदरलैंड, मलेशिया, श्रीलंका, सिंगापुर, केन्या और अन्य जगहों पर फैले हुए हैं - उन्हें "हिंदुस्तान" भेज दिया जाए। यह भारत सरकार के खिलाफ विरोध नहीं है; यह खालिस्तानी आतंकवादी समूह की ओर से हिंदू विरोधी घृणा है, जो कनाडा के सबसे घातक हमले के लिए कुख्यात है, फिर भी अहंकारपूर्वक वहां रहने के अधिकार का दावा कर रहा है।"