नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना और पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को घटाना शामिल है। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस स्थिति पर विचार करने के लिए आज यानि गुरुवार को एक बैठक बुलाई। यह बैठक इस्लामाबाद में शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई। इसमें पाकिस्तान के तीनों सेनाध्यक्ष, प्रमुख मंत्री और अन्य शीर्ष सिविल और सैन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
एनएससी में यह लिए गए निर्णय
पाकिस्तानी मीडिया ने शहबाज सरकार के हवाले से बताया कि अगर भारत ने पाकिस्तान के हिस्से का पानी रोकने या उसकी दिशा बदलने की कोशिश की तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। इसके अलावा पाकिस्तान ने भारत की स्वामित्व और संचालन वाली सभी एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही भारत से किसी भी प्रकार के व्यापार पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बैठक में कहा कि पहलगाम हमले में निर्दोष पर्यटकों की मौत पर गहरी चिंता जताई गई है। इसके साथ ही भारत द्वारा 23 अप्रैल को उठाए गए कदमों को एकतरफा, अन्यायपूर्ण, राजनीतिक प्रेरित, गैर-जिम्मेदाराना और कानूनी दृष्टि से आधारहीन बताया गया।
एनएससी ने भारत पर लगाए यह आरोप
पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने यह भी कहा कि कश्मीर का मुद्दा अभी भी अनसुलझा है और यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक लंबित विवाद है, जिसे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों में भी मान्यता प्राप्त है। पाकिस्तान ने अपने रुख को दोहराया और कहा कि वह कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करता रहेगा पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी कमेटी ने आरोप लगाया कि भारत में मुसलमानों सहित अल्पसंख्यकों का दमन बढ़ा है। साथ ही वक्फ कानून के ज़रिए मुस्लिम समुदाय को हाशिए पर धकेलने का आरोप भी लगाया। एनएससी ने आरोप लगाया कि भारत इस तरह की दुखद घटनाओं का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है।