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'जल्द हो सकता है खतरनाक युद्ध, जरूर किसी के साथ आएगा दुश्मन' सेना प्रमुख के बयान ने बढ़ाई हलचल

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि अगला युद्ध जल्द संभव है-पूरे देश को तैयार रहना होगा। उनका कहना है कि यह जंग सिर्फ सेना नहीं, बल्कि हर भारतीय की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने साइबर-सूचना युद्ध जैसे नए खतरों से निपटने की तैयारी पर जोर दिया।

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Ajit Kumar Pandey
'जल्द हो सकता है खतरनाक युद्ध, जरूर किसी के साथ आएगा दुश्मन' सेना प्रमुख के बयान ने बढ़ाई हलचल | यंग भारत न्यूज

'जल्द हो सकता है खतरनाक युद्ध, जरूर किसी के साथ आएगा दुश्मन' सेना प्रमुख के बयान ने बढ़ाई हलचल | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज सोमवार 11 अगस्त 2025 को भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एक बड़ा बयान देकर देश में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि अगला युद्ध जल्द हो सकता है जरूर किसी के साथ आएगा दुश्मन और इसके लिए पूरे देश को मिलकर तैयार रहना होगा। यह जंग सिर्फ सेना की नहीं, बल्कि हर भारतीय की होगी। उनका यह बयान मौजूदा भू-राजनीतिक हालात और सीमाओं पर बढ़ते तनाव को देखते हुए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

जनरल द्विवेदी ने कहा कि देश को सिर्फ सेना के भरोसे नहीं रहना चाहिए, बल्कि हर नागरिक को अपनी-अपनी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा, 'हमें ये जंग मिलकर लड़नी होगी।' यह बयान दर्शाता है कि भारत को भविष्य में किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए एक 'संपूर्ण राष्ट्र' के रूप में तैयार रहना होगा।

क्यों दिया गया यह बयान?

जनरल द्विवेदी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत की सीमाओं पर तनाव लगातार बना हुआ है। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध और पाकिस्तान की तरफ से जारी घुसपैठ की कोशिशें चिंता का विषय बनी हुई हैं। उनका यह कहना कि अगला युद्ध जल्द हो सकता है, इन खतरों की गंभीरता को दिखाता है। उन्होंने जोर दिया कि अब समय आ गया है कि देश अपनी सुरक्षा को लेकर और अधिक सतर्क हो जाए।

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'अगला युद्ध पारंपरिक नहीं होगा'

सेना प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य का युद्ध केवल पारंपरिक युद्ध नहीं होगा। इसमें सूचना युद्ध (Information Warfare), साइबर युद्ध और आर्थिक दबाव जैसे नए आयाम शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि दुश्मन इन तरीकों से भी भारत को कमजोर करने की कोशिश करेगा। इसलिए, हमें इन सभी मोर्चों पर खुद को मजबूत बनाना होगा।

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क्या हैं चुनौतियां?

साइबर सुरक्षा: देश की महत्वपूर्ण डिजिटल प्रणालियों को सुरक्षित रखना।

सूचना युद्ध: फेक न्यूज़ और दुष्प्रचार से निपटना।

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आर्थिक स्थिरता: बाहरी दबावों के बावजूद अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखना।

सैन्य आधुनिकीकरण: सेना को नई तकनीक और हथियारों से लैस करना।

जनरल द्विवेदी ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार, उद्योग जगत और आम जनता के बीच समन्वय की जरूरत पर भी बल दिया।

'सिर्फ सेना नहीं, हर नागरिक की जिम्मेदारी'

सेना प्रमुख का सबसे महत्वपूर्ण संदेश यह था कि देश की सुरक्षा केवल सैनिकों का काम नहीं है। हर नागरिक का इसमें योगदान जरूरी है। चाहे वह एक किसान हो, एक इंजीनियर हो, या एक छात्र, हर कोई देश को मजबूत बनाने में अपनी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने युवाओं से राष्ट्र निर्माण और सुरक्षा में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया। यह बयान देश में राष्ट्रीय भावना को जगाने और एकजुटता बढ़ाने का प्रयास है।

हम क्या कर सकते हैं?

  1. साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें।
  2. गलत सूचनाओं को आगे बढ़ाने से बचें।
  3. देश के विकास में योगदान दें।
  4. सशस्त्र बलों का समर्थन करें।

जनरल द्विवेदी का यह बयान सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक आह्वान है। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपने देश की सुरक्षा और भविष्य के लिए क्या कर रहे हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और जनता इस आह्वान पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।

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