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ATS की रिमांड में अब जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा! 7 दिन में खुलेंगे कितने राज? कौन है नीतू उर्फ नसरीन?

यूपी एटीएस ने 15 साल से सक्रिय छांगुर बाबा के धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश किया है। सरगना और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन 7 दिन की रिमांड पर हैं, जिनसे अवैध संपत्तियों व नेटवर्क की जानकारी ली जाएगी। मोहम्मद अहमद का नाम भी सामने आया है।

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Ajit Kumar Pandey
ATS की रिमांड में अब जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा! 7 दिन में खुलेंगे कितने राज? कौन है नीतू उर्फ नसरीन? | यंग भारत न्यूज

ATS की रिमांड में अब जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा! 7 दिन में खुलेंगे कितने राज? कौन है नीतू उर्फ नसरीन? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।यूपी एटीएस ने छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को 7 दिन की रिमांड पर लिया है। यह गिरोह पिछले 15 सालों से सक्रिय था और बड़े पैमाने पर अवैध धर्मांतरण करा रहा था। इस कार्रवाई से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है और कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जो पिछले डेढ़ दशक से निर्दोष लोगों को धर्मांतरण के जाल में फंसा रहा था। यूपी एटीएस ने इस अवैध धर्मांतरण गिरोह के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी मुख्य सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को दबोच लिया है। यह गिरफ्तारी एक बड़े अभियान का हिस्सा है, जहां कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस लगातार सक्रिय है। 

जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी टीम ने बड़े सुनियोजित तरीके से लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया। सूत्रों की मानें तो धर्मांतरण के लिए गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को निशाना बनाया जाता था, जिन्हें पैसों या अन्य लालच देकर फंसाया जाता था। यह सिर्फ एक धर्म से दूसरे धर्म में बदलना नहीं था, बल्कि इसके पीछे एक पूरा आर्थिक नेटवर्क और अवैध संपत्तियों का खेल चल रहा था।

एटीएस की बड़ी कार्रवाई: क्या हैं आगे की योजनाएं?

एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि एटीएस की टीमें छांगुर बाबा और नीतू से उनके पूरे नेटवर्क, पैसों के लेन-देन और अवैध संपत्तियों के बारे में गहन पूछताछ करेगी। यह पूछताछ आने वाले दिनों में कई और चौंकाने वाले खुलासे कर सकती है।

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एटीएस का मुख्य लक्ष्य इस पूरे गिरोह की जड़ तक पहुंचना है। इसमें शामिल सभी लोगों की पहचान करना और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना शामिल है। जिन लोगों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन अभी भी कई परतें खुलनी बाकी हैं।

अवैध संपत्तियां होंगी जब्त और ध्वस्त!

इस मामले का एक महत्वपूर्ण पहलू जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों की अवैध संपत्तियों का पता लगाना और उन्हें जब्त करना है। जांच एजेंसियों का मानना है कि धर्मांतरण के इस खेल से अर्जित धन का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर संपत्ति बनाने में किया गया। 

एडीजी कानून-व्यवस्था ने स्पष्ट किया कि इन संपत्तियों को जब्त करने और ध्वस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। यह कदम ऐसे आपराधिक तत्वों पर नकेल कसने में बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। यह दिखाता है कि सरकार ऐसे अपराधों के खिलाफ कितनी गंभीर है।

मोहम्मद अहमद का नाम और ईडी की एंट्री

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इस धर्मांतरण रैकेट में मोहम्मद अहमद का नाम भी सामने आया है, जिसकी जांच एटीएस कर रही है। यह दिखाता है कि इस गिरोह के तार और भी दूर तक फैले हो सकते हैं। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री भी हो गई है। ईडी ने एटीएस से इस मामले की एफआईआर मांगी है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से भी जांच की जा सके। यह दर्शाता है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कई केंद्रीय एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।

कैसे हुआ पर्दाफाश?

गुप्त सूचनाएं: एटीएस को लंबे समय से इस अवैध धर्मांतरण गिरोह के बारे में गुप्त सूचनाएं मिल रही थीं।

लगातार निगरानी: इन सूचनाओं के आधार पर एटीएस ने छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों पर कड़ी निगरानी रखनी शुरू की।

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डिजिटल फुटप्रिंट: डिजिटल सबूतों और उनके पैसों के लेन-देन की जांच ने इस मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह गिरफ्तारी सिर्फ एक शुरुआत है। आने वाले दिनों में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा धर्मांतरण रैकेट से जुड़े और भी चौंकाने वाले सच सामने आ सकते हैं। यह मामला समाज में धर्मांतरण के नाम पर चल रहे अवैध धंधों पर एक बड़ा प्रहार है, जो लोगों को जागरूक करने में भी मदद करेगा।

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