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सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट की तुलना में बदले बदले से हैं विपक्षी दलों के तेवर, जानें वजह

पहलगाम में 26 लोगों की हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान पर मिसाइल अटैक किया तो ना तो कांग्रेस ने कोई सवाल उठाया और ना ही केजरीवाल ने। समूचा विपक्ष चुपचाप सरकार के साथ खड़ा हो गया। जबकि सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट के मामले में ये माहौल नहीं दिखा था।

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Shailendra Gautam
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बालाकोट हमले के बाद 21 पार्टियों ने सरकार पर साधा था निशाना

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2019 में पुलवामा हमले के बाद में नरेंद्र मोदी सरकार ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की तो 21 विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गए थे। उन्होंने एक संयुक्त बयान में सरकार पर आरोप जड़ा था कि सैनिकों की शहादत का इस्तेमाल चुनावों में फायदा जुटाने के लिए कर रही है। कुछ दिनों बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता और दो मर्तबा मध्य प्रदेश के सीएम रह चुके दिग्विजय सिंह ने एक कदम आगे जाकर अपनी पार्टी को शर्मसार कर डाला। दिग्विजय का सवाल था कि सरकार इस बात का सबूत दे कि बालाकोट हवाई हमले से पाकिस्तान को कितना नुकसान पहुंचाया गया।

बयानबाजी से 2019 चुनाव में कांग्रेस को हुआ था खासा नुकसान

चुनाव के दौरान बीजेपी ने कांग्रेस की इस बयानबाजी को देश विरोधी करार देते हुए आरोप लगाया कि वो सेना का मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रही है। 2019 चुनाव में बीजेपी को रिकार्डतोड़ जीत मिली तो कांग्रेस 52 के आंकड़े पर जाकर ठहर गई। चुनाव से पहले के कई सर्वे में माना गया था कि राफेल खरीद में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी का मुद्दा कांग्रेस को फायदा देगा। लेकिन जब पार्टी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा तो इसके पीछे की वजह बालाकोट एयर स्ट्राइक को लेकर उठाए गए सवालों को माना गया। चुनाव बाद मंथन में कांग्रेस ने खुद भी माना कि इस तरह के सवालों से लोग उसके खिलाफ चले गए।

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2016 सर्जिकल स्ट्राइक के बाद राहुल ने लगाया था खून की दलाली का आरोप 

2016 में उरी हमले के बाद सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की तो सरकार ने आल पार्टी मीट में विपक्षी दलों को सारा ब्योरा उपलब्ध कराया था। तत्कालीन विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज खुद सोनिया गांधी से मिलने गई थीं। सुषमा ने उनको सारा डिटेल दिया। हालांकि सोनिया उस समय सार्वजनिक जीवन से दूर थीं लेकिन उन्होंने मुक्त कंठ से सेना की कार्रवाई को दुरुस्त ठहराया। उनका कहना था कि देश विरोधी ताकतों को सबक सिखाने के लिए ये कदम जरूरी था। राहुल गांधी ने भी सरकार का समर्थन किया था लेकिन बाद में वो एक ट्वीट कर बैठे। उन्होंने पोस्ट किया था कि सरकार सैनिकों के खून की दलाली कर रही है।

मौजूदा एयर स्ट्राइक के बाद हर विपक्षी नेता सरकार के साथ आया

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राहुल का ये बयान विस्फोट कर गया। इतना ज्यादा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वाले अरविंद केजरीवाल ने भी दलाली के बयान की निंदा की थी। केजरीवाल को पता था कि सरकार का विरोध करते करते राहुल सीमा को लांघ गए हैं। बहरहाल पहलगाम हमले के बाद हुई एयर स्ट्राइक को लेकर सभी सरकार के साथ खड़े हुए हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की आनन फानन में बुलाई बैठक में राहुल ने साफ कहा कि पार्टी का आऑफिशियल स्टैंड है कि ये कदम बेहतरीन है। केवल राहुल ही नहीं बल्कि दूसरे नेता भी इस मामले में सरकार के साथ खड़े हैं। चाहे तेजस्वी यादव हों या फिर शरद पवार। एमके स्टालिन हों या अखिलेश यादव, सभी ने पहलगाम के बाद पाकिस्तान पर किए गए हमले को सही ठहराया और कहा कि वो सरकार के साथ हैं। उनके बदले रवैये से जाहिर है कि वो दूध के जले हैं और छाछ को भी फूंक-फूंककर पी रहे हैं।  

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