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दिल्ली से ऑस्ट्रेलिया जा रहा युवक ईरान में किडनैप, क्या है पूरा मामला?

विदेश में नौकरी का सपना दिखाकर ठगों का एक खतरनाक जाल, जिसने एक युवक को ईरान में मौत के मुंह तक पहुंचा दिया। 20 लाख की फिरौती देकर बची जान, लेकिन यह घटना उन सभी लोगों के लिए एक सबक है जो आसानी से ऐसे लुभावने ऑफर्स पर भरोसा कर लेते हैं।

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Ajit Kumar Pandey
दिल्ली से ऑस्ट्रेलिया जा रहा युवक ईरान में किडनैप, क्या है पूरा मामला? | यंग भारत न्यूज

दिल्ली से ऑस्ट्रेलिया जा रहा युवक ईरान में किडनैप, क्या है पूरा मामला? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।दिल्ली के एक 26 वर्षीय युवक हिमांशु माथुर को ऑस्ट्रेलिया में नौकरी और शानदार भविष्य के झूठे वादे ने उसे ईरान पहुंचा दिया। हिमांशु को बंधक बना लिया गया और फिरौती के लिए बेरहमी से टॉर्चर किया गया। परिवार ने 20 लाख रुपये की मोटी रकम देकर किसी तरह उसकी जान बचाई। 

टाइम्स आफ इंडिया के अनुसार, हिमांशु माथुर की मुलाकात अमन राठी नाम के एक शख्स से हुई जिसने करनाल, हरियाणा में इमिग्रेशन एजेंट होने का दावा किया। राठी ने उसे ऑस्ट्रेलिया में शिप पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया। उसने 'कंटीन्यूअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट कोर्स' करने को कहा और बदले में ऑस्ट्रेलियन वर्क वीज़ा की गारंटी दी। 

हिमांशु ने बिना कुछ सोचे-समझे दिल्ली में 15 दिनों का कोर्स पूरा भी कर लिया। इसके बाद राठी ने उसे बताया कि इंडोनेशिया में एक एजेंट है जो 19 लाख रुपये में वीज़ा का इंतजाम कर सकता है। हिमांशु तुरंत दिल्ली से जकार्ता पहुंचा जहां राठी और उसके साथी विशाल से मिला। इसके बाद उनसे 12 लाख रुपये की पहली किस्त भी वसूल ली गई। लेकिन ऑस्ट्रेलिया जाने की बजाय, राठी ने उसे दिल्ली वापस बुला लिया। 

29 अगस्त को हिमांशु और राठी दिल्ली से तेहरान ईरान के लिए निकल पड़े। उन्हें यकीन था कि वहां से उनकी ऑस्ट्रेलिया की यात्रा शुरू होगी। 

फिरौती के लिए बेदर्दी से टॉर्चर: "अंग बेच देंगे!" 

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हिमांशु तेहरान पहुंचने की बजाय ईरान के एक दूरदराज शहर चाबहार में उतरे। वहां पहुंचते ही उन्हें एक गैंग ने अगवा कर लिया और एक सुनसान घर में बंधक बना लिया गया। 

हिमांशु ने पुलिस को बताया, "उन्होंने हमें धातु के पाइप से बेरहमी से पीटा और धमकी दी कि अगर फिरौती नहीं दी गई तो वे हमें मार डालेंगे और हमारे अंग बेच देंगे।" 

किडनैपर्स ने हिमांशु के भाई डिंपी से वीडियो कॉल पर संपर्क किया। वीडियो में हिमांशु को मारते हुए दिखाया गया और एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। कई बार की बातचीत और समझौते के बाद रकम 20 लाख रुपये पर तय हुई। 

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इस बीच राठी ने भी खुद को पीड़ित बताकर हिमांशु के परिवार को भ्रमित किया। आखिरकार, यह फिरौती जालंधर में गैंग के एक सदस्य को सौंपी गई। 

घर वापसी: सदमा और कानूनी कार्रवाई फिरौती की रकम मिलने के बाद हिमांशु और राठी को चाबहार एयरपोर्ट पर छोड़ दिया गया। 7 सितंबर को, वे दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर उतरे। 

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हिमांशु बुरी तरह सदमे में था और बेहद डरा हुआ लग रहा था। परिवार के अनुरोध पर पुलिस ने उसे ठीक होने का समय दिया और बाद में बयान दर्ज करने को कहा। 

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इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। बीएनएस की धारा 140 (फिरौती के लिए अपहरण) और 61 (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

पुलिस मामले की जांच कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही सभी आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। 

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