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Axiom-4: शुभांशु शुक्ला 3 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहुंचे ISS, स्पेस स्टेशन पर बिताएंगे 14 दिन

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों का ड्रैगन यान ISS से जुड़ा। यह ऐतिहासिक "सॉफ्ट कैप्चर" भारत के बढ़ते अंतरिक्ष सामर्थ्य का प्रतीक है। शुभांशु 14 दिन के मिशन पर हैं, जो देश के लिए गर्व का क्षण है।

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Ajit Kumar Pandey
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Axiom-4: शुभांशु शुक्ला तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहुंचे ISS, स्पेस स्टेशन पर बिताएंगे 14 दिन | यंग भारत न्यूज

Axiom-4: शुभांशु शुक्ला तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहुंचे ISS, स्पेस स्टेशन पर बिताएंगे 14 दिन | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके तीन साथी अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के साथ सफलतापूर्वक "सॉफ्ट कैप्चर" कर लिया है। आज गुरूवार 26 जून 2025 को यह ऐतिहासिक पल हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि शुभांशु शुक्ला अब अंतरिक्ष स्टेशन के द्वार पर खड़े हैं, 14 दिनों के महत्वपूर्ण मिशन के लिए तैयार। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पूरी दुनिया इस रोमांचक क्षण को देख रही है। यह खबर न सिर्फ भारत के बढ़ते अंतरिक्ष सामर्थ्य को दर्शाती है, बल्कि युवाओं को विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करती है।

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अंतरिक्ष में भारत की नई उड़ान!

क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष में कदम रखना कैसा महसूस होता होगा? जब हमारा कोई अपना, हमारी धरती से हजारों किलोमीटर दूर, अंतरिक्ष की अथाह गहराइयों में भारत का झंडा बुलंद करता है, तो यह अहसास अविस्मरणीय होता है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं भारत के सपूत शुभांशु शुक्ला की, जिन्होंने हाल ही में इतिहास रच दिया है!

उनका ड्रैगन अंतरिक्ष यान, जिसमें तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी सवार थे, ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के साथ सफलतापूर्वक "सॉफ्ट कैप्चर" कर लिया है। यह वो क्षण था जब पूरा देश अपनी साँसे थामे हुए था और जैसे ही सफल कैप्चर की खबर आई, हर जगह खुशी की लहर दौड़ गई। उत्तरी अटलांटिक महासागर के ऊपर से गुजरते हुए भारतीय समयानुसार शाम 4:01 बजे यह अद्भुत घटना घटी।

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Axiom-4: शुभांशु शुक्ला 3 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहुंचे ISS, स्पेस स्टेशन पर बिताएंगे 14 दिन | यंग भारत न्यूज
Axiom-4: शुभांशु शुक्ला 3 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहुंचे ISS, स्पेस स्टेशन पर बिताएंगे 14 दिन | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

भारत को वैश्विक पहचान

यह सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत के बढ़ते वैज्ञानिक सामर्थ्य, दृढ़ संकल्प और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में उसकी वैश्विक पहचान का प्रमाण है। शुभांशु शुक्ला अब अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के प्रवेश द्वार पर खड़े हैं, और अगले 14 दिनों तक वे वहां महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोगों और शोध में शामिल होंगे। यह मिशन न केवल भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए भी नए रास्ते खोलेगा।

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Axiom-4: शुभांशु शुक्ला 3 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहुंचे ISS, स्पेस स्टेशन पर बिताएंगे 14 दिन | यंग भारत न्यूज
Axiom-4: शुभांशु शुक्ला 3 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहुंचे ISS, स्पेस स्टेशन पर बिताएंगे 14 दिन | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी बधाई

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, "बधाई हो #Axiom4! डॉकिंग पूरी हुई। शुभांशु अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन #ISS के प्रवेश द्वार पर खड़े हैं... 14 दिन के प्रवास के लिए अंदर जाने का इंतजार कर रहे हैं... जैसा कि दुनिया उत्साह और उम्मीद के साथ देख रही है।" यह ट्वीट दर्शाता है कि कैसे पूरा देश, और वास्तव में पूरी दुनिया, इस क्षण को बड़े चाव से देख रही है।

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शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के 'गगनयान' कार्यक्रम के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, जिसका उद्देश्य भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना है। इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और अनुभव से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

यह खबर उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। यह उन्हें बताता है कि अगर सपने बड़े हों और उन्हें पूरा करने का जज्बा हो, तो अंतरिक्ष भी दूर नहीं। भारत अब अंतरिक्ष शक्ति के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है, और शुभांशु जैसे नायक इस यात्रा के अग्रदूत हैं।

इस ऐतिहासिक पल को याद रखें, क्योंकि यह हमें बताता है कि कड़ी मेहनत, लगन और सही दिशा में प्रयासों से कुछ भी असंभव नहीं है। शुभांशु शुक्ला ने भारत को फिर से गर्व करने का मौका दिया है!

तो दोस्तों, आपको शुभांशु शुक्ला की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कैसा महसूस हो रहा है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि अंतरिक्ष में भारत की इस नई उड़ान पर आपकी क्या राय है! 

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