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शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष भेजने के लिए एक्सिओम स्पेस को किया 550 करोड़ रुपये का भुगतान

शुभांशु शुक्ला की सफल अंतरिक्ष यात्रा ने भारत की भावी यात्राओं के लिए विशेषज्ञता प्रदान की है और अगला भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्वदेश निर्मित अंतरिक्ष यान में यात्रा करेगा। अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाएगा भारत

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Mukesh Pandit
Jitendar Singh interview
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि शुभांशु शुक्ला की सफल अंतरिक्ष यात्रा ने भारत की भावी यात्राओं के लिए विशेषज्ञता प्रदान की है और अगला भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्वदेश निर्मित अंतरिक्ष यान में यात्रा करेगा।

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विशेष वीडियो साक्षात्कार में, सिंह ने कहा कि एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुक्ला के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर तीन सप्ताह के प्रवास ने भारत को अपनी गगनयान परियोजना की तैयारी के लिए अंतरिक्ष मिशनों को संभालने में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और अनुभव प्रदान किया है। इसरो ने शुक्ला को आईएसएस भेजने के लिए एक्सिओम स्पेस को 550 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और इस लागत में उनके और बैकअप क्रू प्रशांत बालकृष्णन नायर के कई महीनों के प्रशिक्षण का खर्च शामिल है।

मानव अंतरिक्ष यान मिशन ‘गगनयान’ के प्रक्षेपण की तैयारी 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने मानव अंतरिक्ष यान मिशन ‘गगनयान’ के प्रक्षेपण की तैयारी कर रहा है, जो 2027 में किसी समय दो अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाएगा। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा, ‘अगला मिशन पूरी तरह से स्वदेशी होगा, बिल्कुल शुरुआत से इसका विकास भारत में ही किया जाएगा।

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 भारतीय अंतरिक्ष यात्री पहली बार किसी भारतीय अंतरिक्ष यान में जाएंगे।’’ सिंह ने कहा, ‘‘यह हमें दुनिया के उन विशिष्ट देशों की श्रेणी में भी शामिल कर देगा जो वास्तव में ऐसा करने में सक्षम रहे हैं। और यह हमारे भविष्य के प्रयासों का मार्ग भी प्रशस्त करेगा, जिसमें अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना भी शामिल है।’

पांच एजेंसी करती हैं Iss का संचालन

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का संचालन पांच अंतरिक्ष एजेंसियों - नासा, रोस्कोस्मोस, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से किया जाता है। चीन का अपना अंतरिक्ष स्टेशन तियांगोंग है। सिंह ने कहा कि भारत भी अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रहा है और इसके चालू होने पर विदेशी प्रयोगों और अंतरिक्ष यात्रियों की मेजबानी के लिए तैयार है। 

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खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की कोशिश

उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की आशा कर रहे हैं। संभवतः यह वर्ष 2035 तक हो जाएगा और हमने इसका नाम भारत अंतरिक्ष स्टेशन रखने का फैसला भी कर लिया है। सिंह ने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि शुक्ला की आईएसएस यात्रा एक व्यावसायिक मिशन थी और इसका कोई वैज्ञानिक महत्व नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘बिल्कुल नहीं। मुझे लगता है कि समझ की कमी है। 

एक्सिओम स्पेस को 550 करोड़ रुपये का भुगतान किया

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दरअसल, वह (शुक्ला) उन चारों (अंतरिक्ष यात्री जो एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा थे) में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। इसरो ने शुक्ला को आईएसएस भेजने के लिए एक्सिओम स्पेस को 550 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और इस लागत में उनके और बैकअप क्रू प्रशांत बालकृष्णन नायर के कई महीनों के प्रशिक्षण का खर्च शामिल है। सिंह ने कहा, ‘‘कमांडर पैगी व्हिटसन निश्चित रूप से अनुभवी हैं। जबकि, शुभांशु वह पायलट थे जिन्होंने आईएसएस पर बहुत सारे प्रयोग किए।’’ मंत्री ने कहा कि शुक्ला द्वारा किए गए अध्ययनों के परिणाम पूरी मानव जाति के लिए लाभकारी होंगे। 

देश को बड़े अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए बेहतर स्थिति में भी रखा

सिंह ने कहा कि शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने भारत की भावी यात्राओं के लिए अपार अनुभव और विशेषज्ञता प्रदान की और देश को बड़े अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए बेहतर स्थिति में भी रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सबसे बढ़कर, यह दुनिया भर में एक बहुत बड़ा संदेश भी देता है। अब, जहां तक अंतरिक्ष क्षेत्र का संबंध है, भारत परिपक्व हो चुका है।’’ सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता ने भारत को अंतरिक्ष में अग्रणी देशों में शामिल कर दिया, जब इसरो ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक अंतरिक्ष यान उतारा।

भारत आज चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार

 उन्होंने कहा, ‘‘इस मिशन की सफलता और शुभांशु द्वारा अंतरिक्ष में किए गए अपने तरह के पहले स्वदेशी प्रयोगों ने यह संदेश भी दिया है कि भारत आज चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार है।’’ सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष को निजी क्षेत्र के लिए खोलने के सरकार के फैसले से भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है, जिसके 2033 तक वर्तमान 8.4 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 44 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है।  Shubhanshu Shukla space mission | Axiom Space India | Shubhanshu Shukla astronaut | shubhanshu shukla return to earth live | shubhanshu shukla return to earth | shubhanshu shukla live | Shubhanshu Shukla ISS 

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