नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत के साथ बढ़ते संघर्ष के बीच पाकिस्तान की असीम मुनीर के नेतृत्व वाली सेना को बलूचिस्तान से बड़ा झटका लगा है। एक तरफ पाकिस्तान को भारत के जाबांज जवान मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं, दूसरी तरफ बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। बलूचिस्तान प्रांत में जबरदस्त कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी सेना को बैकफुट पर ला दिया और दो महत्वपूर्ण इलाकों पर कब्जा कर लिया है। BLA ने पाकिस्तान के झंडों को उतारकर बलूचिस्तान के झंडे फहरा दिए हैं।
तीन जिलों में धमाके और हमले
‘द बलूचिस्तान पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, बलूच विद्रोहियो ने केच, पंजगुर और लासबेला जिलों में एक के बाद एक धमाके और हमले किए हैं। केच और पंजगुर में सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर उन्हें इलाकों से बाहर खदेड़ दिया गया। इन दोनों जिलों पर अब बलूच विद्रोहियों का कब्जा बताया जा रहा है।
ऐसे किया कब्जा
केच जिले में बलूस विद्रोहियों ने पहले सड़कों की घेराबंदी की, फिर थानों और सरकारी कार्यालयों पर धावा बोल दिया। वहां मौजूद सुरक्षाबलों और सरकारी कर्मचारियों की जमकर पिटाई की गई। इसके बाद सरकारी दफ्तरों में आग लगा दी गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई और सुरक्षाबल मौके से भाग निकले। बलूच लड़ाकों ने फिर इस इलाके को ‘स्वतंत्र क्षेत्र’ घोषित कर दिया। पंजगुर में भी इसी तरह की रणनीति अपनाई गई। पहले नाकेबंदी और फिर हमला। लासबेला में जब कुछ लोगों ने विद्रोहियों का विरोध करने की कोशिश की, तो तीन लोगों को गोली मार दी गई।
बलूचिस्तान में संघर्ष और तेज
बीते एक सप्ताह में बलूचिस्तान के कई हिस्सों में विद्रोही हमलों में तेजी आई है। हालात को काबू में करने की कोशिश में पाकिस्तान सरकार ने 150 बलूच कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया है, लेकिन यह कदम बेअसर साबित होता नजर आ रहा है।
पूर्व गृह मंत्री ने दी चेतावनी
पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री फजलुर रहमान ने सरकार को चेताया है कि अगर सारा ध्यान भारत से सीमा विवाद पर लग जाएगा, तो देश के भीतर जो संकट पनप रहा है, उसे कौन संभालेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को खैबर, गिलगित और बलूचिस्तान जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में हो रहे संघर्षों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
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