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Bangladesh ने भारत से सूत आयात पर लगाई रोक, टैक्स चोरी और घरेलू उद्योग को नुकसान का दिया हवाला

भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंधों में एक और झटका लगा है। बांग्लादेश के राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड (NBR) ने भारत से सूत (धागा) के आयात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की घोषणा की है।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन नेटवर्क: भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंधों में एक और झटका लगा है। बांग्लादेश के राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड (NBR) ने भारत से सूत (धागा) के आयात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की घोषणा की है। यह प्रतिबंध भूमि मार्गों से आयात पर लागू होगा, जिसके अंतर्गत बेनापोल, भोमरा, सोनामस्जिद, बंगलाबंधा और बुरिमारी जैसे प्रमुख जमीनी बंदरगाहों से सूत का आयात अब संभव नहीं होगा।
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टैक्स चोरी और मूल्य अंतर बना कारण

NBR का कहना है कि इन बंदरगाहों पर बुनियादी ढांचे और जांच प्रणाली की कमी के कारण कई आयातक गलत घोषणाएं कर टैक्स चोरी कर रहे हैं। यही नहीं इस प्रक्रिया से देश के स्थानीय कपड़ा उद्योग को भी गंभीर नुकसान हो रहा है। बांग्लादेश टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन (BTMA) ने इस संबंध में शिकायत करते हुए कहा था कि भारत से सस्ते सूत के जरिए बाजार में अनुचित प्रतिस्पर्धा हो रही है। BTMA के अनुसार, भूमि मार्ग से आयातित भारतीय सूत की कीमतें समुद्री मार्ग से आने वाले सूत की तुलना में काफी कम हैं। उदाहरण के तौर पर बांग्लादेश में 30 सिंगल सूत की कीमत करीब $3.40 प्रति किलोग्राम है जबकि भारत से यह 2.90, और वियतनाम से 2.96 प्रति किलोग्राम पड़ता है। BTMA का आरोप है कि यह मूल्य अंतर भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी का नतीजा है।

निर्यातक संगठनों ने की आलोचना 

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हालांकि, बांग्लादेश के तैयार परिधान निर्यातकों ने इस निर्णय की तीखी आलोचना की है। बांग्लादेश निटवेयर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (BKMEA) के अध्यक्ष मोहम्मद हातेम ने कहा कि इस फैसले से छोटे और मध्यम उद्यमों को झटका लगेगा और उनके लिए प्रतिस्पर्धा करना और भी मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि सूत की आपूर्ति बाधित होने से उत्पादन लागत बढ़ेगी, जिससे बांग्लादेश की ग्लोबल मार्केट में प्रतिस्पर्धा कमजोर हो सकती है। गौरतलब है कि बांग्लादेश की गारमेंट इंडस्ट्री देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है और भारत से इसका लगभग 95% सूत आयात होता है। वर्ष 2024 में बांग्लादेश ने भारत से 1.25 मिलियन मीट्रिक टन सूत का आयात किया, जो 2023 की तुलना में 31.5% अधिक है।

भारत-बांग्लादेश व्यापारिक रिश्तों में बढ़ता तनाव

यह फैसला भारत-बांग्लादेश के बीच हालिया व्यापारिक और राजनयिक तनावों की कड़ी में एक और कदम माना जा रहा है। कुछ ही समय पहले भारत ने बांग्लादेश को तीसरे देशों में माल निर्यात के लिए अपने भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों से ट्रांसशिपमेंट सुविधा देना बंद कर दिया था। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस पर कहा कि इस सुविधा के कारण भारत के हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर दबाव बढ़ रहा था, जिससे भारतीय निर्यातों में देरी और लागत में वृद्धि हो रही थी।
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राजनयिक बयानबाजी से भी तनाव

इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मुहम्मद यूनुस का हालिया बयान भी विवादों में आ गया है। यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को "लैंड लॉक्ड" कहकर चीन को इस क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में खटास और बढ़ गई। 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार भारत ने बांग्लादेश को करीब 11 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया, जिसमें कपास, सूत, इंजीनियरिंग सामान और पेट्रोलियम उत्पाद प्रमुख रहे। इसके मुकाबले, बांग्लादेश से भारत का आयात केवल 1.8 बिलियन डॉलर रहा। वहीं बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक अस्थिरता और डॉलर संकट के चलते भारतीय निर्यातकों को भुगतान मिलने में देरी भी हो रही है।
 
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