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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Uttrakhand | Himachal | weather News: उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। बुधवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ धाम जाने वाले कई मार्गों पर भूस्खलन हुआ और सड़कें धंस गईं। यमुनोत्री और केदारनाथ-गौरीकुंड हाईवे बाधित होने के कारण गुरुवार को चारधाम यात्रा पूरी तरह से ठप रही।
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केदारनाथ यात्रा प्रारंभ नहीं हो सकी
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच दो स्थानों पर भूस्खलन होने के कारण सुबह केदारनाथ यात्रा प्रारंभ नहीं हो सकी। एसडीआरएफ की टीम ने सुबह 7:30 बजे मलबा हटाकर 40 यात्रियों को सुरक्षित निकाला और 9 बजे से यात्रा आंशिक रूप से शुरू की गई। गंगोत्री हाईवे भी करीब 5 घंटे बाद बहाल किया जा सका।
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इन जिलों में कई नदियां उफान पर
चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिलों में कई नदियां और नाले उफान पर हैं। गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है, जिससे ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। उधर, गुजरात के बनासकांठा जिले में भी सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है।
हिमाचल में बादल फटने से तबाही: 38 पंचायतें प्रभावित
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार रात बादल फटने और भारी बारिश से आई बाढ़ व भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। सराज क्षेत्र की 38 पंचायतें प्रभावित हैं जहां सड़कों का नामोनिशान मिट गया है। न बिजली है, न पानी और न ही संचार सेवाएं।अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 55 लोग लापता हैं। थुनाग क्षेत्र में गुरूवार को एक और शव मिला।
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राहत और बचाव कार्य जारी
राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार कार्यरत हैं।दुर्गम इलाकों जैसे पखरैर, बहल, लंबाथाच, चिऊणी, शिल्हीबागी, केल्टी आदि में प्रशासन अब तक नहीं पहुंच पाया है। यहां के लोग अपने स्तर पर राहत कार्य में जुटे हैं।थुनाग हॉर्टीकल्चर कॉलेज के फंसे 92 प्रशिक्षुओं को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। वहीं जंजैहली के क्लब महिंद्रा में फंसे 60 पर्यटक भी पूरी तरह सुरक्षित हैं।
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