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Waqf की सुनवाई से पहले SG से कपिल सिब्बल, सिंघवी की तकरार, जानिए वजह

कपिल सिब्बल ने कहा कि सुनवाई केवल तीन मामलों तक ही सीमित नहीं रखी जा सकती है। ये मसला वक्फ की जमीन पर कब्जा करने को लेकर है। लिहाजा सुनवाई का दायरा व्यापक होना चाहिए।

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Shailendra Gautam
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः  Waqf (Amendment) Act, 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हो रही है। हालांकि सुनवाई के पहले ही सीनियर एडवोकेट और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान कपिल सिब्बल और सालिसिटर जनरल तुषार मेहता के बीच तकरार हो गई। एक दूसरे सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कपिल सिब्बल की हां में हां मिलाई तो मेहता चुप हो गए। 

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सिब्बल बोले- सुनवाई का दायरा व्यापक हो

दरअसल, कपिल सिब्बल ने कहा कि तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा था कि वो मामले की सुनवाई करके देखेंगे कि किस तरह से अंतरिम राहत दी जा सकती है। उनका कहना था कि सुनवाई केवल तीन मामलों तक ही सीमित नहीं रखी जा सकती है। ये मसला वक्फ की जमीन पर कब्जा करने को लेकर है। लिहाजा सुनवाई का दायरा व्यापक होना चाहिए। 


मेहता ने कहा- वो केवल तीन मुद्दों पर जवाब लेकर आए हैं

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तुषार मेहता ने उनकी बात पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने केवल तीन मुद्दों पर ही बात की थी। वो सरकार की तरफ से केवल तीन मुद्दों का ही जवाब लेकर आए हैं। लेकिन दूसरे पक्ष के वकीलों की लिखित दलीलों को देखकर लगता है कि वो सुनवाई का दायरा बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने सीजेआई बीआर गवई की बेंच से अपील की कि सुनवाई के केवल तीन मुद्दों तक ही सीमित रखा जाए। मेहता ने जैसे ही अपनी बात पूरी की दूसरे पक्ष के एक और सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कपिल सिब्बल की बात पर सहमति जताते हुए कहा कि वो ठीक कह रहे हैं। सुनवाई केवल तीन मुद्दों तक ही सीमित नहीं रखी जानी चाहिए। 

सुनवाई के दौरान सिब्बल का कहना था सरकार वक्फ की जमीन को कब्जा करना चाहती है। संशोधित एक्ट में वक्फ बर्ड को सीईओ को सरकार की तरफ से नियुक्त किया जाएगा और वो गैर मुस्लिम होगा। जबकि पहले के एक्ट में सीईओ मुस्लिम शख्स को बनाया जाना था। सिब्बल का कहना था कि नए एक्ट में कलेक्टर को जज की तरह से पावर दे दी गई है। वो मनमानी करता रहेगा और कोई कुछ नहीं कर पाएगा। सरकार की मंशा पिछले वक्फ एक्ट को पंगु बनाने की है।

नए एक्ट के खिलाफ दायर 5 याचिकाओं की सुनवाई कर रही कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिसमें वक्फ संशोधित एक्ट 2025 को चुनौती दी गई है। याचिकाओं में कहा गया है कि सरकार संविधान से खिलवाड़ कर रही है जिसके चलते वक्फ एक्ट 1995 को खत्म करके नया एक्ट बना दिया गया। हालांकि संशोधित एक्ट के विरोध में बहुत सी याचिकाएं दायर की गई हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केवल 5 की सुनवाई करने का फैसला किया है। उधर बीजेपी शासित 6 राज्यों की सरकार भी केंद्र के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट आ गई हैं। केरल सरकार नए एक्ट का विरोध कर रही है। 17 अप्रैल को तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना ने मामले की सुनवाई की थी। तब केंद्र ने उनको भरोसा दिया था कि वो संसोधित एक्ट के कई प्रावधानों पर अमल नहीं करेगी। 13 मई को जस्टिस खन्ना के रिटायर होने के बाद ये मामला नए सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच के पास सुनवाई के लिए आया है।


Supreme Court, Waqf (Amendment) Act 2025, Solicitor General, Tushar Mehta, Advocate Kapil Sibal, EX CJI Sanjiv Khanna, AM Singhvi, CJI BR Gavai

Judiciary Indian Judiciary amendment in waqf board act
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