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बंगाल-UP समेत 12 राज्यों में कल से शुरू होगा SIR, CEC ज्ञानेश कुमार का बड़ा ऐलान | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश UP समेत 12 राज्यों में 'विशेष गहन पुनरीक्षण' SIR का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य वोटर लिस्ट से अयोग्य नामों को हटाना और हर योग्य नागरिक को मतदान का अधिकार सुनिश्चित करना है। मुख्य चुनाव आयुक्त CEC ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि बिहार में सफल प्रयोग के बाद अब यह अभियान इन राज्यों में मतदाताओं की 'सफाई' करेगा। इस प्रक्रिया में आधार कार्ड के उपयोग को लेकर आयोग का क्या रुख है, यह जानना बेहद जरूरी है।
वोटर लिस्ट की 'सफाई' क्यों जरूरी? क्या आपका नाम भी वोटर लिस्ट में है? अगर हां, तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारत निर्वाचन आयोग ने पूरे देश में वोटर लिस्ट को और मजबूत, सटीक और विश्वसनीय बनाने के लिए कमर कस ली है।
सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त CEC ज्ञानेश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'विशेष गहन पुनरीक्षण' Special Intensive Revision - SIR के दूसरे चरण की शुरुआत का बड़ा ऐलान किया।
बिहार की सफलता, अब 12 राज्यों की बारी
CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि SIR प्रक्रिया का मकसद बहुत साफ है "अयोग्य मतदाता को हटाना और योग्य को अधिकार देना।" उन्होंने बताया कि बिहार में यह प्रयोग पूरी तरह सफल रहा है, जिससे आयोग का आत्मविश्वास बढ़ा है। इसी सफलता के आधार पर, अब दूसरे चरण में यूपी उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह प्रक्रिया चलाई जाएगी।
#WATCH दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, "...SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) का दूसरा चरण 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आरंभ होने वाला है।" pic.twitter.com/ylnzlivhlt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 27, 2025
क्या आपके राज्य में भी चल रहा है यह अभियान?
यह 'सफाई' अभियान सिर्फ कागजी कार्रवाई नहीं है, बल्कि करोड़ों मतदाताओं के भविष्य को प्रभावित करेगा। उन 12 राज्यों की लिस्ट जल्द जारी होने की उम्मीद है, जहां यह SIR प्रक्रिया शुरू होगी। इनमें उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य का नाम शामिल होना दिखाता है कि आयोग लिस्ट की सटीकता को लेकर कितना गंभीर है।
संविधान क्या कहता है? मुख्य चुनाव आयुक्त ने संविधान के अनुच्छेद 326 का हवाला दिया, जिसके तहत भारत का नागरिक होना मतदाता होने के लिए अनिवार्य है। इसका सीधा मतलब है कि यह SIR प्रक्रिया उन सभी नामों को छांटने का काम करेगी जो किसी कारणवश अब मतदान के योग्य नहीं रहे, जैसे वे मतदाता जिनकी मृत्यु हो चुकी है। वे मतदाता जो एक जगह से दूसरी जगह स्थायी रूप से चले गए हैं। वे नाम जो डुप्लीकेट दोहरी प्रविष्टि हो गए हैं। वे नागरिक जो अब भारत के नागरिक नहीं रहे। क्या इसमें आधार कार्ड का इस्तेमाल होगा? आयोग ने क्या कहा?
इन 12 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में होगा एसआईआर
पूरे देश में एसआईआर चरणबद्ध तरीके से होगा। जिन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश में एसआईआर किया जाना है। इसमें अंडमान और निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुद्दुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इन राज्यों में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 51 करोड़ हैं, जबकि यहां 5 लाख 33 हजार से ज्यादा पोलिंग स्टेशन और बीएलओ तैनात किए जाएंगे।
डिजिटल दौर में हर कोई जानना चाहता है कि क्या चुनाव आयोग इस 'गहन पुनरीक्षण' प्रक्रिया में आधार कार्ड का इस्तेमाल करेगा या नहीं।
CEC ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि SIR प्रक्रिया के तहत आधार कार्ड को सीधे तौर पर मतदाता सूची से लिंक करना अनिवार्य नहीं है।
आधार को लेकर आयोग का रुख
आधार को वोटर आईडी से लिंक करने का काम पूरी तरह से स्वैच्छिक है, यानी आप अपनी मर्जी से ही ऐसा कर सकते हैं।
अयोग्यता का आधार नहीं: आधार कार्ड न देने पर किसी भी मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटाया जाएगा।
पहचान का एक जरिया: यह केवल पहचान स्थापित करने का एक अतिरिक्त साधन है, ताकि डुप्लीकेसी दोहराव को रोका जा सके।
यह स्पष्टीकरण उन तमाम अटकलों को विराम देता है, जिनमें लोगों को डर था कि आधार न होने पर उनका वोटिंग अधिकार छिन सकता है।
आयोग का जोर हमेशा से पारदर्शी और न्यायसंगत प्रक्रिया पर रहा है। आपके लिए क्या है संदेश? एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपका नाम और आपके परिवार के योग्य सदस्यों का नाम वोटर लिस्ट में सही जगह पर हो।
SIR प्रक्रिया के दौरान नागरिकों की जिम्मेदारी लिस्ट चेक करें अपने इलाके की प्रकाशित होने वाली ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में अपना और परिवार का नाम चेक करें।
गलती सुधारें: अगर कोई गलती नाम, पता, उम्र में है, तो तुरंत चुनाव आयोग के संबंधित फॉर्म भरकर सुधार कराएं।
योग्य नाम जुड़वाएं: अगर आप 18 वर्ष के हो गए हैं, तो तुरंत अपना नाम लिस्ट में जुड़वाएं।
दूसरे चरण के एसआईआर के प्रक्रिया की प्रमुख तारीखें
मुद्रण/प्रशिक्षण: 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025
घर-घर गणना चरण: 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025
ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन: 9 दिसंबर 2025
दावे और आपत्ति अवधि: 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026
सूचना चरण (सुनवाई और सत्यापन): 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन: 7 फरवरी 2026
हर घर पर बीएलओ तीन बार जाएंगे और मतदाताओं की जानकारी जुटाएंगे। इस दौरान बीएलओ की जिम्मेदारी होगी कि कोई भी योग्य मतदाता इस अभियान न छूटे और कोई भी अयोग्य मतदाता नहीं जुड़े। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जिन राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया होनी है, वहां आज रात 12 बजे से मतदाता सूची फ्रीज हो जाएगी। उन्होंने ये भी बताया कि इस प्रक्रिया के दौरान दूसरे राज्यों में प्रवास करने वाले मतदाता ऑनलाइन फॉर्म भर सकेंगे। -मुख्य चुनाव आयुक्त
SIR के बाद क्या होगा?
बिहार की तर्ज पर, 12 राज्यों में SIR के सफल समापन के बाद एक 'साफ-सुथरी' और विश्वसनीय वोटर लिस्ट तैयार हो जाएगी। इससे भविष्य में होने वाले चुनावों में धांधली की संभावना कम होगी और हर योग्य वोट का सही इस्तेमाल हो पाएगा। यह अभियान लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
CEC ज्ञानेश कुमार ने लोक-आस्था के पर्व छठ के लिए शुभकामनाएं देते हुए इस बात पर जोर दिया कि लिस्ट की शुद्धि एक 'लोकतांत्रिक पर्व' की तरह ही महत्वपूर्ण है। चुनाव आयोग का यह 'विशेष गहन पुनरीक्षण' अभियान, खासकर यूपी जैसे बड़े राज्य में, एक बहुत बड़ा प्रशासनिक और लोकतांत्रिक प्रयास है।
आधार की अनिवार्यता को खारिज कर, स्वैच्छिकता का रास्ता अपनाना आयोग की पारदर्शिता को दर्शाता है। यह उम्मीद की जा सकती है कि SIR के इस दूसरे चरण से भारत की मतदाता सूची विश्व के सबसे सटीक और विश्वसनीय सूचियों में से एक बन जाएगी।
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