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“बेंगलुरू — 40 स्कूल — 1 ईमेल — बम की धमकी!” – क्या मासूम किसी बड़ी साजिश की गिरफ्त में हैं? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । बेंगलुरु में आज शुक्रवार 18 जुलाई 2025 की सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब शहर के करीब 40 निजी स्कूलों को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली। इस खबर ने अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के बीच दहशत फैला दी। तुरंत हरकत में आते हुए पुलिस, बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड जांच में जुट गए हैं।
बता दें कि आज शुक्रवार 18 जुलाई 2025 की सुबह बेंगलुरु के कई निजी स्कूलों में एक धमकी भरा ईमेल पहुंचा, जिसने अभिभावकों और स्कूल प्रशासन की नींद उड़ा दी। इस ईमेल में दावा किया गया था कि स्कूलों में बम लगाए गए हैं, जिसके बाद तुरंत बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। शहर में बेंगलुरु बम धमकी की खबर आग की तरह फैली, जिससे अभिभावकों में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई।
यह सिर्फ एक ईमेल नहीं था, बल्कि शहर के शिक्षा जगत में डर और अनिश्चितता का एक बवंडर था। जैसे ही स्कूलों को यह धमकी मिली, उन्होंने बिना देर किए पुलिस को सूचना दी और एहतियात के तौर पर बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालना शुरू कर दिया। पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
Karnataka | 40 private schools in Bengaluru city, including RR Nagar and Kengeri, received bomb threat emails today, says Police.
— ANI (@ANI) July 18, 2025
पेरेंट्स की बढ़ी धड़कनें : स्कूल में बम की खबर से हड़कंप
कल्पना कीजिए, सुबह आप अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं और कुछ ही देर में खबर आती है कि उनके स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। बेंगलुरु के अभिभावकों ने आज सुबह कुछ ऐसा ही अनुभव किया। कई स्कूलों के बाहर माता-पिता का हुजूम लग गया, हर कोई अपने बच्चे की एक झलक पाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने को बेचैन था। यह सिर्फ एक सुरक्षा खतरा नहीं था, बल्कि भावनात्मक उथल-पुथल का क्षण था।
पुलिस ने बताया कि धमकी भरे ईमेल में एक ही पैटर्न था और इसे एक ही आईडी से भेजा गया था, जिससे यह एक समन्वित प्रयास लग रहा था। इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए बेंगलुरु पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और सभी संबंधित स्कूलों में सुरक्षा बढ़ा दी।
जांच जारी: कौन है इस दहशत के पीछे?
बम निरोधक दस्ते ने डॉग स्क्वॉड के साथ मिलकर सभी प्रभावित स्कूलों में गहन तलाशी अभियान चलाया। हर कक्षा, हर कॉरिडोर और हर कोने की बारीकी से जांच की गई। घंटों की गहन तलाशी के बाद, राहत की सांस ली गई जब किसी भी स्कूल से कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। यह स्पष्ट था कि यह एक अफवाह या शरारतपूर्ण धमकी थी, लेकिन इसने जो दहशत फैलाई, वह वास्तविक थी।
पुलिस ने अब इस धमकी भरे ईमेल के स्रोत का पता लगाने के लिए साइबर अपराध शाखा को सक्रिय कर दिया है। यह पता लगाना बेहद महत्वपूर्ण है कि इस घटना के पीछे कौन है और उनका मकसद क्या था। क्या यह किसी शरारती तत्व का काम है, या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है? स्कूलों को बम की धमकी जैसे संवेदनशील मामलों में त्वरित और सटीक जांच आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
साइबर क्राइम और सुरक्षा चुनौतियां
यह घटना एक बार फिर साइबर सुरक्षा की चुनौतियों को उजागर करती है। आजकल अपराधी और शरारती तत्व डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके दहशत फैलाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में स्कूलों और अन्य संस्थानों को अपनी साइबर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है।
जागरूकता बढ़ाएं: छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को ऑनलाइन खतरों के बारे में जागरूक करना महत्वपूर्ण है।
सुरक्षा प्रोटोकॉल: स्कूलों को ऐसे आपातकालीन प्रोटोकॉल बनाने चाहिए जो ऐसी धमकियों से प्रभावी ढंग से निपट सकें।
तकनीकी उन्नयन: ईमेल फिल्टर और अन्य सुरक्षा प्रणालियों को अपडेट रखना चाहिए ताकि ऐसे दुर्भावनापूर्ण ईमेल को रोका जा सके।
बेंगलुरु में हुई इस घटना ने शहर को कुछ समय के लिए सकते में डाल दिया, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई और स्कूलों के संयम से एक बड़ी आपदा टल गई। हालांकि, यह हमें याद दिलाता है कि डिजिटल युग में हमें हमेशा सतर्क और तैयार रहना होगा।
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