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Bangalore Stampede: पुलिस नहीं, RCB है 11 लोगों की मौत की जिम्‍मेदार, CAT ने सुनाया फैसला

CAT ने बेंगलुरु में 4 जून को विक्‍ट्री परेड में हुए हादसे के लिए RCB को जिम्‍मेदार ठहराया है। इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में निलंबित आईपीएस अधिकारी विकास कुमार को बहाल कर दिया गया है।

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Suraj Kumar
RCB
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क।बेंगलुरु में हुई भगदड़ के मामले में निलंबित IPS अधिकारी विकास कुमार को मंगलवार को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) ने बहाल कर दिया। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि इस हादसे के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) जिम्मेदार है।CAT ने स्पष्ट किया, "पुलिस कोई भगवान या जादूगर नहीं होती। यदि उसे पर्याप्त समय नहीं दिया जाए तो भारी भीड़ को संभालना संभव नहीं होता।" फैसले में यह भी कहा गया कि RCB ने विक्ट्री परेड से पहले पुलिस से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली थी। अचानक सोशल मीडिया पर कार्यक्रम की सूचना साझा कर दी गई, जिससे भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पांच लाख लोगों की भीड़ इकट्ठा करने के लिए फ्रेंचाइजी को ही जिम्मेदार ठहराया गया है।

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4 जून को आरसीबी परेड में हुआ हादसा 

गौरतलब है कि IPL 2024 की ट्रॉफी जीतने के बाद RCB ने 4 जून को विक्ट्री परेड का आयोजन किया था। इसी दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 75 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इसी मामले में IPS विकास कुमार को निलंबित किया गया था।

अधिकारियों को किया था सस्‍पेंड 

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राज्य सरकार ने बताया कि बेंगलुरु भगदड़ मामले में अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 के तहत तीन आईपीएस अधिकारियों को निलंबित किया गया था। इसके अलावा, एसीपी और पीआई के खिलाफ कर्नाटक राज्य पुलिस नियम, 1965 के तहत भी कार्रवाई की गई। सरकार के आदेश में कहा गया कि RCB के सीईओ ने 3 जून को बेंगलुरु पुलिस आयुक्त को सूचित किया था कि वे 4 जून को विक्ट्री परेड और समारोह का आयोजन करेंगे। हालांकि, पुलिस आयुक्त का कार्यालय आयोजकों को जवाब नहीं दे पाया और आयोजन के लिए पर्याप्त समय न होने के कारण परेड की मंजूरी नहीं दी गई थी।

क्‍या है CAT? 

सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) भारत सरकार के कर्मचारियों से जुड़े सेवा विवादों का त्वरित और विशेषज्ञ समाधान प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के मामलों को तेज़ी और दक्षता से निपटाना है, जिससे न्यायालयों पर पड़ने वाला दबाव कम हो। देश के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु आदि में CAT की बेंचें मौजूद हैं। CAT के फैसलों के खिलाफ सीधे हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है।

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