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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। आप क्या सोचते हैं? भारत के कितने लोग हर साल नागरिकता छोड़ देते हैं। कभी सोचा है? तो हम आपको बताते यह चौंकाने वाला तथ्य। लगातार पिछले तीन साल से भारतीय नागरिकता छोड़ने वालों का आंकड़ा दो लाख के ऊपर बना हुआ है। अधिकतर लोग यहां के रहन- सहन, बेरोजगारी और विदेश में शादी कर वहां की नागरिकता लेने के चलते यह कदम उठाते हैं। एक सवाल के जवाब में भारत सरकार नेभारत की नागरिकता छोड़ने वालों की जानकारी राज्यसभा में साझा की है। बेशक 2024 में इस आंकड़े में 2023 की तुलना में बड़ा मामूली सा सुधार आया है लेकिन यह भी सच है कि पिछले तीन साल से यह आंकड़ा लगातार दो लाख के ऊपर बना हुआ है।
राज्यसभा में पेश हुए आंकड़ों को जानिए
साल 2020 में वैश्विक महामारी के दौरान गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन इसके बाद लगातार तीन सालों से यह आंकड़ा 2 लाख के पार
बना हुआ है। विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने Rajya Sabha में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में पिछले छह वर्षों के आंकड़े पेश किए। इनके अनुसार, प्रत्येक वर्ष इतने लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी:
2024: 2,06,378
2023: 2,16,219
2022: 2,25,620
2021: 1,63,370
2020: 85,256
2019: 1,44,017
2024: 2,06,378
2023: 2,16,219
2022: 2,25,620
2021: 1,63,370
2020: 85,256
2019: 1,44,017
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नागरिकता छोड़ने की प्रक्रिया क्या है?
सरकार से यह भी पूछा गया कि नागरिकता छोड़ने की प्रक्रिया क्या है और क्या इसका निरीक्षण किया जाता है? इस पर विदेश मंत्रालय ने विस्तार से जानकारी दी:
1. नागरिक को www.indiancitizenshiponline.nic.in वेबसाइट पर आवेदन करना होता है।
2. पासपोर्ट व अन्य दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है।
3. घोषणापत्र (Declaration) संबंधित विभागों को भेजा जाता है।
4. सत्यापन पूरा होने के बाद नागरिकता त्याग प्रमाणपत्र (Renunciation Certificate) जारी किया जाता है।
1. नागरिक को www.indiancitizenshiponline.nic.in वेबसाइट पर आवेदन करना होता है।
2. पासपोर्ट व अन्य दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है।
3. घोषणापत्र (Declaration) संबंधित विभागों को भेजा जाता है।
4. सत्यापन पूरा होने के बाद नागरिकता त्याग प्रमाणपत्र (Renunciation Certificate) जारी किया जाता है।
नागरिकता त्याग में बढ़ोत्तरी के कारण?
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हालांकि सरकार ने सीधे तौर पर कोई कारण नहीं बताया, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इस ट्रेंड के पीछे प्रमुख वजहें हो सकती हैं:
विदेशों में बेहतर शिक्षा व करियर अवसर।
डुअल सिटिजनशिप की नीति का अभाव।
बेहतर जीवनशैली और सुविधाओं की तलाश।
विदेशों में बेहतर शिक्षा व करियर अवसर।
डुअल सिटिजनशिप की नीति का अभाव।
बेहतर जीवनशैली और सुविधाओं की तलाश।
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