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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारी बारिश ने पश्चिमी हिमालयी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तबाही मचा दी है। अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई है। तीन राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 400 से अधिक सड़कें बंद हैं और हजारों लोग फंसे हुए हैं। हिमाचल में भारी बारिश के चलते स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
हिमाचल में बादल फटने से दो मौतें
सोमवार को हिमाचल में रेड अलर्ट के बीच चंबा के चुराह के नेरा में बादल फट गया। मैहला में पहाड़ी से चट्टान गिरने से नवविवाहित जोड़े की मौत हो गई। किन्नौर में टोंगटोंगचे नाले में बाढ़ आने से किन्नौर कैलाश यात्रा रोक दी गई। तेज बारिश से सतलुज समेत सभी नदियां उफान पर हैं और शिमला, कुल्लू, कांगड़ा एयरपोर्ट्स पर उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
मंडी में बाढ़ का खतरा
मंडी जिले के सराज क्षेत्र में बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। थुनाग, लंबाथाच और जरोल में नाले उफान पर हैं। तीन नेशनल हाईवे (मंडी-कुल्लू, मंडी-पठानकोट, शिलाई-पांवटा साहिब) समेत 398 सड़कें, 682 बिजली ट्रांसफार्मर और 151 पेयजल योजनाएं ठप हैं। शिमला शहर में कई जगह पेड़ गिरे और कालका-शिमला हाईवे पर मलबा गिरा।
उत्तराखंड में भूस्खलन और बाढ़
पिथौरागढ़ के ड्योड़ा में बकरियां चराने गए एक युवक की काली नदी में बहने से मौत हो गई। धारचूला-तवाघाट-लिपुलेख सड़क भूस्खलन से बंद हो गई। चोरगलिया में शेरनाले में पानी बढ़ने से 10 लोगों से भरी एक स्कार्पियो बह गई, जिन्हें स्थानीय लोगों ने बचा लिया।
जम्मू-कश्मीर में भूस्खलन
पुंछ जिले के बैंछ कलसां गांव में भूस्खलन से एक बच्चे की मौत हो गई और चार बच्चे व एक शिक्षक घायल हो गए। पंजाब के कई जिलों—लुधियाना, पटियाला, पठानकोट, फिरोजपुर और मोहाली में भी भारी बारिश दर्ज की गई।
मलारी हाईवे ध्वस्त
चीन सीमा को जोड़ने वाला मलारी हाईवे भापकुंड के पास 10 मीटर तक ध्वस्त हो गया। इससे सेना और आईटीबीपी के वाहनों की आवाजाही रुक गई है। प्रशासन ने सड़क बहाल करने का काम शुरू कर दिया है।
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