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RVNL में जीएम की नियुक्ति में बड़ा घपला, विजिलेंस जांच में हुआ खुलासा

रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) में जीएम/सिविल-बीडी रमन सिंगला की नियुक्ति में भारी गड़बड़ी सामने आई है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की जांच में खुलासा हुआ है कि चयन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी, अनुचित हस्तक्षेप और पक्षपात किया गया।

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Ranjana Sharma
bharti-ghotala
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के नई दिल्ली स्थित कॉर्पोरेट कार्यालय में हाल ही में हुई जीएम/सिविल-बीडी पद पर रमन सिंगला की नियुक्ति में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि चयन प्रक्रिया दोषपूर्ण रही और इसमें कई स्तरों पर नियमों का उल्लंघन हुआ।

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नियमों को ताक पर रखकर हुई नियुक्ति

जांच में पाया गया कि चयन समिति के सदस्यों अनुपम बैन (निदेशक, कार्मिक), अनुराग (पीईडी एनसी) और आरके मल्होत्रा (सेवानिवृत्त एजीएम/एचआर) ने चयन प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते हुए एक विशेष उम्मीदवार रमन सिंगला को अनुचित लाभ पहुंचाया। जांच के अनुसार, रमन सिंगला को बिना आवश्यक प्रक्रिया का पालन किए पहले चरण के साक्षात्कार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल होने की अनुमति दी गई, जबकि उनका आवेदन आईआरकॉन के माध्यम से प्रस्तुत नहीं किया गया था। इसके अतिरिक्त,

  • मूल पदस्थापना हुबली में थी, जिसे अचानक बेंगलुरु और फिर कॉर्पोरेट कार्यालय में जीएम/सिविल-बीडी के रूप में संशोधित किया गया।
  • चयन समिति के एक सदस्य को अंतिम क्षणों में बदलकर अनुराग को शामिल किया गया।
  • नियुक्ति की अंतिम स्वीकृति दो महीने तक लंबित रखी गई और कार्यमुक्ति की औपचारिक प्रक्रिया पूरी हुए बिना ही नियुक्ति कर दी गई।
  • इन तमाम कार्रवाइयों ने चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता, पारदर्शिता और योग्यता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
    Rail vikas nigam latter
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अनुराग की भूमिका फिर सवालों के घेरे में

विजिलेंस जांच रिपोर्ट में पीईडी/एनसी अनुराग की भूमिका को विशेष रूप से संदिग्ध बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार उन्हें अंतिम क्षणों में साक्षात्कार समिति में शामिल किया गया, जिससे उनकी भूमिका पर संदेह गहराया है। गौरतलब है कि अनुराग इससे पहले भी टेंडर घोटाले के एक मामले में विजिलेंस जांच का सामना कर चुके हैं। यह मामला RVNL की कानपुर यूनिट से जुड़ा था, जिसमें दो फर्मों को ब्लैकलिस्ट किया गया था। उस जांच की रिपोर्ट इसी साल 3 मार्च को जारी की गई थी।

मामले को दबाने की कोशिश, अधिकारी चुप

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हालांकि विजिलेंस रिपोर्ट में गंभीर अनियमितताओं का उल्लेख है, लेकिन रेलवे और RVNL के वरिष्ठ अधिकारी इस मुद्दे पर बोलने से बच रहे हैं। पूछे जाने पर अधिकारी सिर्फ इतना कह रहे हैं कि "आंतरिक जांच चल रही है। जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों की चुप्पी और कार्रवाई न होने से यह आशंका गहराती जा रही है कि पूरे मामले को दबाने का प्रयास हो रहा है।

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