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BJP चीफ की रेस में सबसे आगे फडणवीस और रूपाला, क्या Bihar चुनाव बाद होगा फैसला? | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।कौन बनेगा भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष? यह सवाल सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के अंदर ही नहीं, बल्कि पूरे देश के राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। अध्यक्ष पद के दावेदारों में देवेंद्र फडणवीस और परशोत्तम रूपाला, ये दो नाम भाजपा के राजनीतिक गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में दोनों नेता सबसे आगे चल रहे हैं। इसके अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ कई अन्य भाजपा नेताओं का नाम भी अध्यक्ष पद की दौड़ में आगे बताया जा है।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आरएसएस का पूरा समर्थन हासिल है तो वहीं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का भी उन पर भरोसा है। कयास लगाया जा रहा है कि बिहार चुनाव के बाद फडणवीस को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहा जा सकता है। देवेंद्र की युवा छवि और मजबूत संगठनात्मक क्षमताएं उन्हें इस पद का प्रबल दावेदार बनाती हैं। उनकी यह यात्रा एक मुख्यमंत्री से राष्ट्रीय अध्यक्ष तक की हो सकती है।
परशोत्तम रूपाला का नाम दौड़ में आगे
उधर, गुजरात के पूर्व केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला की भी मजबूत दावेदारी माना जा रहा और रूपाला का नाम इस रेस में नया है। उनकी दावेदारी भी मजबूत बताई जा रही है। रूपाला भी आरएसएस के बेहद करीबी हैं। साथ ही रूपाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी हैं इसलिए उनकी दावेदारी मजबूती देती है।
हालांकि, साल 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके कुछ बयानों ने विवाद पैदा किया था, लेकिन रूपाला की वफादारी और संघ के साथ उनके मजबूत संबंध उन्हें एक विश्वसनीय विकल्प बनाते हैं। परशोत्तम रूपाला की शांत और स्थिर छवि उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती भी है।
भाजपा अध्यक्ष की रेस में धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में धर्मेंद्र प्रधान का नाम भी बना हुआ है। उनके दिवंगत पिता डॉ. देबेंद्र प्रधान आरएसएस के आजीवन सदस्य थे और साल 1980 में भाजपा में शामिल हुए थे। धर्मेंद्र प्रधान की संगठनात्मक क्षमता और उनका लंबा राजनीतिक अनुभव उन्हें एक मजबूत विकल्प बनाता है। वह वर्तमान में केंद्रीय शिक्षा मंत्री हैं और पहले भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।
भाजपा की चुनाव प्रक्रिया
भाजपा को अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करने से पहले अपनी 37 संगठनात्मक राज्य इकाइयों में से कम से कम 50% में संगठनात्मक बदलाव करने होंगे। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही चुनाव कॉलेज का गठन होगा। भाजपा ने हमेशा से ही आरएसएस के साथ मिलकर एक सर्वसम्मत उम्मीदवार का चुनाव किया है। इस बार भी यही उम्मीद की जा रही है कि पार्टी सर्वसम्मति से किसी एक नाम पर मुहर लगाएगी।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व किस पर भरोसा जताता है। क्या यह देवेंद्र फडणवीस होंगे जो एक मुख्यमंत्री से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएंगे या फिर परशोत्तम रूपाला जो संघ के भरोसेमंद सिपाही हैं। या फिर धर्मेंद्र प्रधान जो एक अनुभवी और काबिल नेता हैं?
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