नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को तीन अहम फैसले सुनाए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा चर्चा 19 वर्षीय खदीजा शेख को जमानत दिए जाने को लेकर हो रही है। खदीजा ने कथित तौर पर ऑपरेशन सिंदूर को "हिंदुत्व आतंकवाद" बताया था।
“कोर्ट ने कार्रवाई को कट्टरपंथी” बताया
कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई को "कट्टरपंथी" करार देते हुए कहा कि राज्य ने एक युवा लड़की का जीवन बर्बाद करने की कोशिश की। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मुंबई के बायकुला पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखे गए यमनी शरणार्थी मोहम्मद कासिम अल शिबाह की तत्काल रिहाई के आदेश भी दिए हैं। तीसरे फैसले में कोर्ट ने मुंबई एयरपोर्ट द्वारा तुर्की की कंपनी चेलबी ग्राउंड हैंडलिंग को हटाने की बोली पर भी रोक लगा दी है।
क्या कहा हाईकोर्ट ने?
खदीजा शेख के मामले में कोर्ट ने कहा कि एक छात्रा द्वारा सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी पर राज्य सरकार की इतनी कठोर प्रतिक्रिया उचित नहीं थी। कोर्ट ने यमनी शरणार्थी की अवैध हिरासत को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया। एयरपोर्ट मामले में कोर्ट ने प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए बोली प्रक्रिया पर रोक लगाई। इन फैसलों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकारों और संस्थागत पारदर्शिता के नजरिए से अहम माना जा रहा है।
Khadija Sheikh case: Bombay HC ने कह दी यह बड़ी बात, ऑपरेशन सिंदूर पर कमेंट का है आरोप
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 19 वर्षीय खदीजा शेख को जमानत दी, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को "हिंदुत्व आतंकवाद" कहा था। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई को भी आड़े हाथों लिया।
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को तीन अहम फैसले सुनाए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा चर्चा 19 वर्षीय खदीजा शेख को जमानत दिए जाने को लेकर हो रही है। खदीजा ने कथित तौर पर ऑपरेशन सिंदूर को "हिंदुत्व आतंकवाद" बताया था।
“कोर्ट ने कार्रवाई को कट्टरपंथी” बताया
कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई को "कट्टरपंथी" करार देते हुए कहा कि राज्य ने एक युवा लड़की का जीवन बर्बाद करने की कोशिश की। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मुंबई के बायकुला पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखे गए यमनी शरणार्थी मोहम्मद कासिम अल शिबाह की तत्काल रिहाई के आदेश भी दिए हैं। तीसरे फैसले में कोर्ट ने मुंबई एयरपोर्ट द्वारा तुर्की की कंपनी चेलबी ग्राउंड हैंडलिंग को हटाने की बोली पर भी रोक लगा दी है।
क्या कहा हाईकोर्ट ने?
खदीजा शेख के मामले में कोर्ट ने कहा कि एक छात्रा द्वारा सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी पर राज्य सरकार की इतनी कठोर प्रतिक्रिया उचित नहीं थी। कोर्ट ने यमनी शरणार्थी की अवैध हिरासत को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया। एयरपोर्ट मामले में कोर्ट ने प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए बोली प्रक्रिया पर रोक लगाई। इन फैसलों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकारों और संस्थागत पारदर्शिता के नजरिए से अहम माना जा रहा है।