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बेंगलुरु रोड रेज: वायुसेना अधिकारी पर हमले में नया खुलासा, सीसीटीवी फुटेज ने बदली कहानी

बेंगलुरु में वायुसेना अधिकारी शिलादित्य बोस और उनकी पत्नी के साथ रोड रेज की घटना ने राष्ट्रीय ध्यान खींचा, जहां सीसीटीवी फुटेज ने मामले में नया मोड़ ला दिया।

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Ajit Kumar Pandey
DRDO OFFICIER
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । बेंगलुरु में 21 अप्रैल 2025 को सुबह करीब 6 बजे एक रोड रेज की घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा। भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर शिलादित्य बोस और उनकी पत्नी, स्क्वाड्रन लीडर मधुमिता दत्ता, डीआरडीओ कॉलोनी, सीवी रमन नगर से केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की ओर जा रहे थे। 

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इस दौरान एक मोटरसाइकिल सवार के साथ उनकी तीखी झड़प हो गई, जो बाद में हिंसक हो गई। इस घटना ने न केवल रोड रेज की समस्या को उजागर किया, बल्कि भाषा और क्षेत्रीय विवाद को भी हवा दी। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है। आइए, इस घटना की पूरी कहानी और अब तक के अपडेट्स को विस्तार से समझते हैं।

घटना का प्रारंभ: वायुसेना अधिकारी का दावा

विंग कमांडर शिलादित्य बोस ने घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उनके चेहरे और गर्दन से खून बह रहा था। उन्होंने दावा किया कि एक मोटरसाइकिल सवार ने उनकी कार को पीछे से रोका और कन्नड़ में गालियां देना शुरू कर दिया। 

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बोस के मुताबिक, जब उन्होंने देखा कि उनकी कार पर डीआरडीओ का स्टिकर है, तो हमलावर ने "तुम डीआरडीओ वाले" कहकर उनकी और उनकी पत्नी मधुमिता के साथ बदतमीजी की। बोस ने कहा कि जब वे कार से उतरे, तो बाइक सवार ने चाबी से उनके माथे पर वार किया, जिससे खून बहने लगा। इसके बाद, उसने पत्थर फेंका, जो उनके सिर पर लगा। बोस ने यह भी आरोप लगाया कि आसपास मौजूद कुछ लोग हमलावर का साथ देने लगे और उनकी पत्नी के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।

बोस ने अपने वीडियो में कर्नाटक की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए और कहा, "मैं देश की रक्षा करने वाला सैनिक हूं, फिर भी मेरे साथ ऐसा व्यवहार हुआ। अगर कानून ने साथ नहीं दिया, तो मुझे खुद कार्रवाई करनी पड़ेगी।" इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर कन्नड़ भाषा और कर्नाटक के खिलाफ कई टिप्पणियां होने लगीं, जिससे भाषाई विवाद भड़क उठा।

सीसीटीवी फुटेज ने बदली कहानी

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घटना के कुछ घंटों बाद, सीसीटीवी फुटेज सामने आए, जिन्होंने बोस के दावों पर सवाल खड़े कर दिए। इन फुटेज में दिखा कि विंग कमांडर शिलादित्य बोस ने ही सबसे पहले मोटरसाइकिल सवार पर हमला किया था। फुटेज के अनुसार:

बोस और उनकी पत्नी मधुमिता एक नीऑन हरे रंग की जैकेट पहने व्यक्ति (मोटरसाइकिल सवार) के पास पहुंचे। बोस ने शारीरिक हमला शुरू किया, जिसमें उन्होंने बाइक सवार को सड़क पर धकेला, उसे लात मारी और कई बार मुक्के मारे। मधुमिता को भी वीडियो में बाइक सवार के साथ तीखी बहस करते और उंगली उठाकर चिल्लाते हुए देखा गया।

एक अन्य क्लिप में बोस ने बाइक सवार के गले को पकड़कर उसे जमीन पर गिरा दिया और उसका फोन तोड़ने की कोशिश की। आसपास मौजूद कुछ लोग बीच-बचाव करते दिखे, जो बोस को रोकने की कोशिश कर रहे थे। इस फुटेज ने बोस के उस दावे को गलत साबित कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमला एकतरफा था और कोई उनकी मदद के लिए नहीं आया। फुटेज से साफ हुआ कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला किया था।

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पुलिस की कार्रवाई और बाइक सवार की गिरफ्तारी

बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की। डीसीपी (पूर्व) देवराज डी. ने बताया कि यह एक स्पष्ट रोड रेज का मामला है, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला किया। पुलिस ने मोटरसाइकिल सवार, जिसकी पहचान बबूसाप निवासी विकास कुमार (एक कॉल सेंटर कर्मचारी) के रूप में हुई, को हिरासत में लिया। विकास के खिलाफ भायप्पनहल्ली पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 351 (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

पुलिस के मुताबिक, विकास ने अपनी बाइक की चाबी से बोस पर वार किया, जिससे उनके चेहरे पर चोट आई। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से पता चला कि बोस ने भी विकास पर कई बार हमला किया। डीसीपी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला भाषा या क्षेत्र से संबंधित नहीं है, बल्कि दोनों पक्षों की गलती से यह हिंसक झड़प हुई।

विकास कुमार का पक्ष और काउंटर एफआईआर

विकास कुमार ने भी बोस के खिलाफ काउंटर शिकायत दर्ज की, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बोस ने बिना उकसावे के उन पर हमला किया। विकास के मुताबिक, उनकी बाइक को बोस की कार ने रास्ते में रोका, जिसके बाद बहस शुरू हुई।

बोस ने उनका कॉलर पकड़ा, थप्पड़ मारा और सड़क पर धकेलकर मारपीट की। विकास की मां ज्योति ने एक वीडियो बयान में कहा, "मेरे बेटे ने आत्मरक्षा में हाथ उठाया, जिसमें चाबी से बोस को चोट लगी। यह कोई जानबूझकर किया गया हमला नहीं था। बोस ने मेरे बेटे को बेरहमी से पीटा और उसकी बाइक को भी नुकसान पहुंचाया।"

विकास की शिकायत के आधार पर, भायप्पनहल्ली पुलिस ने बोस के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 109 (हत्या का प्रयास), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 304 (चोरी के लिए छीनना), 324 (उपद्रव का अपराध), और 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया। Crime |

भाषाई विवाद और सोशल मीडिया का रुख

बोस के शुरुआती वीडियो में कन्नड़ भाषा और "डीआरडीओ वाले" जैसे शब्दों का जिक्र होने से सोशल मीडिया पर यह मामला भाषाई और क्षेत्रीय विवाद में बदल गया। कुछ लोगों ने इसे कन्नड़ बनाम गैर-कन्नड़ मुद्दा बनाने की कोशिश की। हालांकि, डीसीपी देवराज ने स्पष्ट किया कि यह घटना भाषा या क्षेत्र से जुड़ी नहीं है। उन्होंने कहा, "बेंगलुरु में रोजाना 3-4 रोड रेज के मामले सामने आते हैं। यह घटना सिर्फ इसलिए चर्चा में है क्योंकि बोस ने इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया।"

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने बोस के व्यवहार की आलोचना की, जबकि कुछ ने विकास के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लन जैसे कुछ प्रमुख लोगों ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक सैनिक को बार-बार अलग-अलग राज्यों में तैनात होना पड़ता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें हर बार स्थानीय भाषा सीखनी पड़े।

अब तक की स्थिति

पुलिस जांच: पुलिस दोनों पक्षों की शिकायतों की जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर यह साफ है कि दोनों पक्षों ने हिंसक व्यवहार किया।

कानूनी कार्रवाई: विकास कुमार को गिरफ्तार किया गया है, और बोस के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। दोनों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला चल रहा है।

भारतीय वायुसेना और डीआरडीओ का रुख: अभी तक वायुसेना या डीआरडीओ की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

सामाजिक प्रभाव: यह घटना रोड रेज की बढ़ती समस्या और सोशल मीडिया पर जल्दबाजी में निष्कर्ष निकालने की प्रवृत्ति को दर्शाती है।

बेंगलुरु की इस रोड रेज घटना ने न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे एक छोटी सी गलतफहमी हिंसक झड़प में बदल सकती है। सीसीटीवी फुटेज ने साबित किया कि यह एकतरफा हमला नहीं था, बल्कि दोनों पक्षों की गलतियों का नतीजा था। 

पुलिस ने इस मामले को भाषाई विवाद से अलग रखने की कोशिश की है, लेकिन सोशल मीडिया पर चल रही बहस ने इसे जटिल बना दिया है। इस घटना से यह सीख मिलती है कि सड़क पर धैर्य और संयम रखना कितना जरूरी है, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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