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Breaking News | बिहाली में सेना-आतंकियों की खूनी झड़प, हाई अलर्ट पर पूरा इलाका

जम्मू-कश्मीर के बसंतगढ़ के बिहाली में भारतीय सेना और पुलिस का बड़ा ऑपरेशन जारी। खुफिया सूचना पर मुठभेड़ में सेना ने आतंकियों को घेर लिया है। 'ऑपरेशन बिहाली' के तहत छिपे आतंकियों से सीधी टक्कर, जानें क्यों महत्वपूर्ण है यह अभियान।

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Ajit Kumar Pandey
Breaking News | बिहाली में सेना-आतंकियों की खूनी झड़प, हाई अलर्ट पर पूरा इलाका | यंग भारत न्यूज

Breaking News | बिहाली में सेना-आतंकियों की खूनी झड़प, हाई अलर्ट पर पूरा इलाका | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google File Photo)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।जम्मू-कश्मीर के बसंतगढ़ स्थित बिहाली में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर आतंकियों को घेर लिया है। यह मुठभेड़ विशेष खुफिया सूचना के आधार पर शुरू हुई है और व्हाइट नाइट कोर ने इसकी पुष्टि की है। इस ऑपरेशन 'बिहाली' में छिपे आतंकवादियों से सेना का सीधा मुकाबला जारी है, जिससे इलाके में तनाव का माहौल है। इस खबर में हम आपको इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी, सेना की रणनीति और आतंकियों के मंसूबों से जुड़ी हर अहम बात बताएंगे, जिसे पढ़कर आप चौंक जाएंगे।

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भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बसंतगढ़ के बिहाली इलाके में एक बड़े आतंकवाद विरोधी अभियान की शुरुआत की है। इसे 'ऑपरेशन बिहाली' नाम दिया गया है। गुप्त सूचना मिली थी कि इस दुर्गम क्षेत्र में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं और बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसी सूचना के आधार पर, व्हाइट नाइट कोर के नेतृत्व में सुरक्षाबलों ने सोमवार सुबह बिहाली को पूरी तरह से घेर लिया। सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही सुरक्षा बल आतंकियों के ठिकाने के करीब पहुंचे, उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद जोरदार मुठभेड़ शुरू हो गई।

क्या है 'ऑपरेशन बिहाली' का मकसद?

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इस ऑपरेशन बिहाली का मुख्य मकसद बिहाली क्षेत्र में छिपे आतंकियों का सफाया करना है। यह इलाका पहले भी आतंकी गतिविधियों के लिए जाना जाता रहा है, और सुरक्षाबलों को आशंका थी कि यहां आतंकी फिर से अपने पैर पसारने की कोशिश कर रहे हैं। विशेष खुफिया इनपुट मिलने के बाद सेना और पुलिस ने मिलकर एक सटीक योजना बनाई। इस ऑपरेशन में सेना के विशेषज्ञ कमांडो और जम्मू-कश्मीर पुलिस की विशेष इकाइयां शामिल हैं, जो पहाड़ी और घने जंगलों वाले इलाकों में ऑपरेशन चलाने में माहिर हैं।

मुठभेड़ का पल-पल का अपडेट

मुठभेड़ की शुरुआत होते ही पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। आस-पास के गांवों को खाली करा लिया गया है ताकि आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे। व्हाइट नाइट कोर ने बताया है कि सेना के जवान बेहद सतर्कता और धैर्य के साथ ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार, कुछ आतंकियों के छिपे होने की आशंका है, जो लगातार सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर रहे हैं। हालांकि, सेना ने भी जवाबी कार्रवाई में ताबड़तोड़ गोलियां चलाई हैं। अभी तक किसी आतंकी के मारे जाने या किसी जवान के हताहत होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन मुठभेड़ काफी तेज और भीषण बताई जा रही है। सुरक्षाबल लगातार आतंकियों पर दबाव बनाए हुए हैं ताकि वे बचकर निकल न सकें।

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क्यों बिहाली बना आतंकियों का नया गढ़?

बिहाली, बसंतगढ़ का एक ऐसा इलाका है जो अपनी घनी वनस्पतियों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण आतंकियों के लिए एक आदर्श छिपने का स्थान बन गया है। यह सीमा पार से घुसपैठ करने वाले आतंकियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना भी हो सकता है। खुफिया एजेंसियों को लंबे समय से इस बात की जानकारी मिल रही थी कि आतंकी संगठन इस क्षेत्र का इस्तेमाल अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कर रहे हैं। 'ऑपरेशन बिहाली' इसी आशंका को दूर करने के लिए चलाया गया है। सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे ऑपरेशनों से आतंकियों की कमर टूटती है और उनके नापाक मंसूबे ध्वस्त होते हैं।

सेना की रणनीति और भविष्य की चुनौतियां

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भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन बिहाली में बेहद सुनियोजित तरीके से काम किया है। सबसे पहले खुफिया जानकारी जुटाई गई, फिर इलाके की घेराबंदी की गई और अंत में आतंकियों के ठिकाने पर हमला बोला गया। सेना की प्राथमिकता हमेशा यह रहती है कि न्यूनतम नुकसान के साथ अधिकतम सफलता हासिल की जाए। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का खतरा अभी भी बरकरार है। सीमा पार से लगातार घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं और आतंकी संगठन युवाओं को बरगलाने की फिराक में रहते हैं। ऐसे में, 'ऑपरेशन बिहाली' जैसे अभियान न सिर्फ आतंकियों को खत्म करते हैं बल्कि घाटी में शांति और सुरक्षा स्थापित करने में भी मदद करते हैं।

'ऑपरेशन बिहाली' जैसे अभियानों से आपको क्या लगता है, क्या हम जल्द ही जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह से आतंक मुक्त कर पाएंगे? अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं।

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