नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । तेलंगाना में BRS (भारत राष्ट्र समिति) के विधायक पादी कौशिक रेड्डी को आज शनिवार 21 जून 2025 को वारंगल पुलिस ने उगाही के एक सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (RGIA) पर हुई, जिसके बाद उन्हें वारंगल ले जाया गया। एक खदान मालिक की शिकायत पर दर्ज इस मामले ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, विधायक पर ₹25 लाख वसूलने और ₹50 लाख और मांगने का आरोप है। यह घटना BRS विधायक की मुश्किलें बढ़ा सकती है और आगामी चुनावों में पार्टी पर इसका गहरा असर पड़ सकता है।
BRS विधायक पर उगाही का गंभीर आरोप!
तेलंगाना की राजनीति में आज शनिवार 21 जून 2025 को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब हुज़ूराबाद से BRS विधायक पादी कौशिक रेड्डी को वारंगल पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह गिरफ्तारी किसी साधारण मामले में नहीं, बल्कि उगाही के एक बेहद गंभीर आरोप में की गई है। विधायक कौशिक रेड्डी को हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से धर दबोचा गया, जिसके बाद उन्हें सीधे वारंगल ले जाया गया, जहां उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर राजनीति में अपराध के बढ़ते प्रभाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पूरा मामला तब सामने आया जब एक स्थानीय खदान मालिक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता का आरोप है कि बीआरएस विधायक कौशिक रेड्डी ने उसे धमकाया और उससे ₹25 लाख की मोटी रकम वसूल ली। इतना ही नहीं, आरोप है कि विधायक ₹50 लाख और देने की लगातार मांग कर रहे थे। यह सिर्फ पैसों का मामला नहीं, बल्कि एक जनप्रतिनिधि द्वारा अपनी पद और शक्ति का दुरुपयोग कर आम जनता को परेशान करने का सीधा उदाहरण है। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और कौशिक रेड्डी से लगातार पूछताछ की जा रही है।
कैसे फंसा विधायक? खदान मालिक की जुबानी पूरा घटनाक्रम
जानकारी के अनुसार, जिस खदान मालिक ने शिकायत दर्ज कराई है, उसने पुलिस को विस्तार से बताया है कि कैसे उसे डरा-धमकाकर पैसों की मांग की गई। सूत्रों का कहना है कि विधायक कौशिक रेड्डी ने पहले उस खदान मालिक पर विभिन्न प्रकार के दबाव डाले। जब दबाव काम नहीं आया, तो कथित तौर पर उन्हें धमकी दी गई। इस धमकी के बाद, खदान मालिक ने मजबूरी में ₹25 लाख रुपये विधायक को दिए। लेकिन विधायक की मांग यहीं खत्म नहीं हुई। बताया जा रहा है कि इसके बाद ₹50 लाख और देने के लिए उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था। जब खदान मालिक को लगा कि उसकी जान और संपत्ति खतरे में है, तो उसने हिम्मत करके पुलिस का दरवाजा खटखटाया।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की। जांच के बाद पुख्ता सबूत मिलने पर वारंगल पुलिस ने शनिवार तड़के हैदराबाद पहुंचकर बीआरएस विधायक कौशिक रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। बीआरएस पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका है, खासकर जब राज्य में आगामी चुनाव नजदीक हैं। इस घटना का सीधा असर पार्टी की छवि पर पड़ सकता है और विपक्ष को हमला करने का एक बड़ा मौका मिल गया है।
राजनीतिक गलियारों में हलचल: BRS का क्या होगा अगला कदम?
कौशिक रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद बीआरएस पार्टी के भीतर भी हलचल तेज हो गई है। पार्टी आलाकमान इस स्थिति से कैसे निपटेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या पार्टी विधायक पर कोई कार्रवाई करेगी या उनका बचाव करेगी? यह भी देखना होगा कि इस मामले में और कितने लोग शामिल हैं और क्या यह सिर्फ एक अकेला मामला है या इसके पीछे कोई बड़ा रैकेट काम कर रहा है। वारंगल पुलिस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
यह घटना दर्शाती है कि राजनीति में जवाबदेही और पारदर्शिता कितनी महत्वपूर्ण है। जब एक जनप्रतिनिधि ही कानून तोड़ने वाला बन जाए, तो जनता का विश्वास डगमगाना स्वाभाविक है। उम्मीद है कि पुलिस इस मामले में पूरी निष्पक्षता से जांच करेगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। बीआरएस विधायक की गिरफ्तारी ने तेलंगाना में राजनीतिक तापमान को काफी बढ़ा दिया है।
आगे क्या? कानून अपना काम करेगा या होगा कोई नया मोड़?
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस मामले में आगे क्या होता है। क्या कौशिक रेड्डी को जमानत मिल जाएगी या उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा? क्या इस मामले में कोई राजनीतिक दबाव भी काम करेगा? इन सभी सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे। एक बात तो तय है कि इस उगाही के मामले ने बीआरएस विधायक की छवि पर गहरा असर डाला है और आने वाले समय में इसके राजनीतिक परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। यह मामला जनता के सामने एक आईना है कि कैसे सत्ता का दुरुपयोग किया जा सकता है।
क्या आप भी सोचते हैं कि राजनेताओं पर ऐसे आरोप लगने के बाद कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए? अपनी राय हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं!
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