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क्या अब 'बुद्ध सर्किट' बनेगा भारत का ग्लोबल धर्ममार्ग? सांसद जगदंबिका पाल ने बताया क्या है प्लान! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।पब्लिक अकाउंट्स कमेटी की बैठक में भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने गौतम बुद्ध से जुड़े स्थलों की कनेक्टिविटी और हवाई किराए पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने बताय कि कुशीनगर एयरपोर्ट के निष्क्रिय होने और त्योहारों पर बढ़ते किराए पर लगाम लगाने की कवायद तेज है। दुर्घटनाओं की जांच पर भी चर्चा हुई।
भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के केंद्र, गौतम बुद्ध की जन्मस्थली और कर्मभूमि से जुड़े स्थानों को आपस में जोड़ने का सपना अभी भी अधूरा है। हाल ही में पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) की एक महत्वपूर्ण बैठक में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया गया। सांसद जगदंबिका पाल ने विशेष रूप से कुशीनगर हवाई अड्डे की निष्क्रियता पर गहरी चिंता व्यक्त की, जिसका उद्घाटन तो हो गया है, लेकिन उड़ानें अभी तक शुरू नहीं हुई हैं। यह सिर्फ कुशीनगर की बात नहीं, बल्कि गया और कपिलवस्तु जैसे अन्य बुद्ध सर्किट स्थलों के लिए भी उचित कनेक्टिविटी की मांग उठाई गई।
VIDEO | After the meeting of Public Accounts Committee, Member Jagdambika Pal (@jagdambikapalmp) says, "All the places related to Gautam Buddha like Gaya, Kapilvastu, airport was inaugurated in Kushinagar, but the operations are not going on, we are trying to have connectivity.… pic.twitter.com/bMlwgnAyHw
— Press Trust of India (@PTI_News) July 8, 2025
क्या है बुद्ध सर्किट और क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण?
बुद्ध सर्किट उन सभी प्रमुख स्थानों का समूह है जहां भगवान बुद्ध ने अपने जीवन का अधिकांश समय बिताया और जहां उनकी शिक्षाओं का प्रसार हुआ। इनमें लुंबिनी (नेपाल), बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, राजगीर, वैशाली और संकिसा जैसे स्थान शामिल हैं। इन स्थलों को आपस में जोड़ना न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति प्रदान करेगा। हालांकि, पर्याप्त हवाई कनेक्टिविटी के अभाव में, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को इन पवित्र स्थलों तक पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कमेटी का जोर इस बात पर है कि इन स्थानों को जोड़ने वाली हवाई सेवाओं को जल्द से जल्द शुरू किया जाए ताकि वैश्विक स्तर पर बुद्ध के संदेश और भारतीय विरासत को बढ़ावा मिल सके।
त्योहारों पर हवाई किराए की मनमानी: क्या मिलेगी राहत?
बुद्ध सर्किट कनेक्टिविटी के अलावा, समिति ने त्योहारों पर हवाई किराए में होने वाली बेतहाशा वृद्धि पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। अक्सर देखने में आता है कि जब लोग सबसे ज्यादा यात्रा करते हैं, जैसे कि दिवाली, होली या अन्य प्रमुख त्योहारों पर, एयरलाइंस मनमाने ढंग से किराए बढ़ा देती हैं। इससे आम यात्री, खासकर वे जो अपने घरों से दूर रहते हैं, बुरी तरह प्रभावित होते हैं। जगदंबिका पाल ने इस 'फ्लेक्सी फेयर' प्रणाली पर लगाम लगाने और एक 'नेशनल टैरिफ मैकेनिज्म' बनाने की वकालत की। इसका उद्देश्य हवाई किराए को तर्कसंगत बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि यात्रियों को उचित मूल्य पर टिकट मिलें। यह कदम करोड़ों यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।
हवाई दुर्घटनाएं और सुरक्षा: डीजीसीए की जांच पर नजर
बैठक में हवाई दुर्घटनाओं से संबंधित मामलों पर भी चर्चा हुई। डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने समिति को सूचित किया कि इन दुर्घटनाओं की जांच चल रही है। हवाई यात्रा की सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच, कड़े सुरक्षा नियम और समय पर रख-रखाव बेहद महत्वपूर्ण हैं। कमेटी ने डीजीसीए से इन जांचों में तेजी लाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया।
पब्लिक अकाउंट्स कमेटी की यह बैठक बुद्ध सर्किट के विकास, हवाई किराए पर नियंत्रण और हवाई सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इन मुद्दों पर प्रभावी कार्रवाई न केवल देश के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देगी, बल्कि लाखों यात्रियों को भी राहत प्रदान करेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और संबंधित विभाग इन सिफारिशों पर कितनी तेजी से अमल करते हैं। उम्मीद है कि जल्द ही गौतम बुद्ध से जुड़े सभी स्थानों पर सहज कनेक्टिविटी होगी और हवाई यात्रा आम आदमी की पहुंच में होगी।
Jagdanand Singh news | bjp