नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है। सरकार पेट्रोल-डीजल पर से निर्भरता को खत्म करने के लिए लगातार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देती रही है। अब इसी को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में ईवी सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान किया है। आज आम बजट की घोषणा के दौरान भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए खास ऐलान किए गए है।
बजट -2025 में ये हुए ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सामानों की कस्टम ड्यूटी पर घटाने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में इस्तेमाल होने वाली लिथियम आयन बैटरी पर कस्टम ड्यूटी की छूट देने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने प्रस्ताव पेश किया कि कोबाल्ट पाउडर, लिथियम आयन बैटरी वेस्ट, स्क्रैप और 12 दूसरे क्रिटिकल मिनरल्स पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) को पूरी तरह से हटा दिया है। कस्टम ड्यूटी कम करने से अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स सस्ते हो जाएंगे। इसके अलावा घरेलू इलेक्ट्रिक बैटरी बनाने वाली कंपनियों को भी बड़ी राहत मिलेगी। वित्त मंत्री ने अपनी बजट स्पीच में कहा कि ईवी बैटरी पर कस्टम ड्यूटी को घटाने से घरेलू ईवी बैटरी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
नेशनल मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने की भी बात कही। इस दौरान उन्होनें अपने स्पीच में कहा कि, "हमारी सरकार एक नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन का सेटअप करेगी. जो बड़े, मध्यम और छोटे इंडस्ट्री को कवर करेगा। यह मिशन केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों दोनों के लिए पॉलिसी सपोर्ट, एक्जीक्यूशन रोडमैप के साथ गर्वनेंस और मॉनिटरिंग का फ्रेमवर्क प्रदान करेगा।" उन्होंने कहा कि, "ये मिशन पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए क्लाइमेट फ्रेंडली डेवलपमेंट साथ-साथ क्लीन टेक मैन्युफैक्चरिंग को भी बेहतर बनाएगा। इस स्कीम का लक्ष्य डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन को बेहतर बनाना है। जिसके तहत सोलर पीवी सेल्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी, मोटर, कंट्रोलर, इलेक्ट्रोलाइसर्स, विंड टर्बाइन, हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन और ग्रिड स्केल बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग को सहयोग देना है।" इसके साथ ही स्टार्टअप्स को दिए जाने वाले लोन की सीमा को 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ कर दिया गया है। ये सहायता स्टार्टअप्स को 27 विभिन्न क्षेत्रों में दी जाएगी और इस एक फैसले का असर भी भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर देखने को मिलेगा।
सरकार पहले भी देती रही है ईवी को बढ़ावा
ई-वाउचर की सुविधा, इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स पर सब्सिडी और पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत सरकार सब्सिडी ऑफर करती है और ग्राहकों को लाभ देती है। इन मिलने वाली सुविधाओं से सरकार के इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को भी बड़ी राहत मिलती है। अब इन सुविधाओं के साथ नए बजट में जरूरी बदलावों से सुस्त पड़े ऑटो सेक्टर को भी रफ्तार मिलेगी। सरकार ने इस बार ऑटो कंपनियों के साथ-साथ आम जनता की जेब का पूरा ख्याल रखना है। इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होने से सीधा फायदा उन लोगों को होगा जो नया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले हैं, इलेक्ट्रिक वाहन बेचने वाली कंपनियां की ईवी सेल्स बढ़ने की उम्मीद है।
नॉर्वे ईवी को तवज्जो देने में सबसे आगे
दुनियाभर में पेट्रोल-डीजल जैसे फ्यूल निर्भरता कम करने की कोशिश की जा रही है। इलेक्ट्रिक वाहन इसके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है। इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए दुनिया के कई देश आगे आ रहे हैं। नॉर्वे (Norway) दुनिया का पहला ऐसा देश बन चुका है जहां इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या वहां मौजूदा पेट्रोल वाहनों के मुकाबले ज्यादा हो गई हैं।