नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क: दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने आगामी जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने का बड़ा फैसला लिया है। इसके साथ ही किसानों, विशेष रूप से गन्ना किसानों के लिए भी लाभकारी निर्णय किए गए हैं। कैबिनेट ब्रीफिंग में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जाति जनगणना को लेकर कांग्रेस की भूमिका हमेशा विरोध वाली रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि 1947 के बाद से कांग्रेस ने कभी जाति जनगणना नहीं कराई, बल्कि केवल राजनीतिक लाभ के लिए जाति सर्वेक्षण कराए गए। यूपीए शासन में भी कई राज्यों में जाति सर्वे को राजनीतिक दृष्टिकोण से ही संचालित किया गया।
जातिगत गणना मुख्य जनगणना प्रक्रिया में सम्मिलित
वैष्णव ने स्पष्ट किया कि जाति जनगणना को अब मुख्य जनगणना प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति ने यह निर्णय लिया है ताकि समाज के हर वर्ग की वास्तविक स्थिति को समझा जा सके। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने जाति आधारित जनगणना को सिर्फ अपने राजनीतिक हितों तक सीमित रखा है। कैबिनेट ने गन्ना किसानों को राहत देते हुए गन्ने के लिए एफआरपी (फेयर एंड रिमुनरेटिव प्राइस) बढ़ाने का भी निर्णय किया है। यह निर्णय किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है।
शिलॉन्ग से असम के बीच सिल्वर कॉरिडोर को भी मंजूरी
इसके अलावा केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर भारत के विकास को गति देने के लिए शिलॉन्ग से असम के बीच सिल्वर कॉरिडोर को भी मंजूरी दी है। यह कॉरिडोर एक 166.8 किलोमीटर लंबा चार लेन का हाईवे होगा, जो मेघालय से असम तक फैलेगा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। अंत में अश्विनी वैष्णव ने दोहराया कि केंद्र सरकार जाति जनगणना कराने के लिए प्रतिबद्ध है और यह निर्णय सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है।