Advertisment

CBI In Action: साइबर अपराधियों के खिलाफ सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, देशभर 40 स्थानों पर मारे छापे

उन्होंने बताया कि इन पीड़ितों से कथित तौर पर 4.5 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी। अधिकारियों ने बताया कि यह छापेमारी दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, केरल और पश्चिम बंगाल में की गई। 

author-image
Mukesh Pandit
कोलकाता - मुंबई और बेंगलुरु में बिल्डर्स पर बड़ी Raids! क्या है CBI का 'ऑपरेशन धोखा' | यंग भारत न्यूज

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय डिजिटल अरेस्ट के संबंध में कई राज्यों में 40 स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि नौ पीड़ितों की शिकायतों के आधार पर एक विस्तृत प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि इन पीड़ितों से कथित तौर पर 4.5 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी। अधिकारियों ने बताया कि यह छापेमारी दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, केरल और पश्चिम बंगाल में की गई। 

15,000 से अधिक आईपी पतों का पता लगाया

उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय के साइबर अपराध निरोधक निकाय आई4सी से शिकायत प्राप्त होने पर, सीबीआई ने पीड़ितों को ठगने के लिए इस्तेमाल किए गए 15,000 से अधिक आईपी पते, खातों और दूरसंचार चैनलों का विश्लेषण किया और धोखाधड़ी को अंजाम देने वाले 40 साइबर अपराधियों का पता लगाया। केंद्रीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी को दिए एक बयान में कहा, तलाशी अभियान के दौरान, सीबीआई ने एक व्यापक घरेलू सुविधा नेटवर्क का पता लगाया है, जो बैंक खाते मुहैया कराने और अपराध की आय को खपाने और लेनदेन के लिए हवाले के लिए समानांतर रास्ता बनाने में संलिप्त था। 

धन का एक  हिस्सा जा रहा था भारत से बाहर 

सीबीआई जांच के दौरान पाया गया कि अपराध से प्राप्त धन का एक हिस्सा भारत में निकाला जाता था, जबकि शेष धन को विदेशी एटीएम से निकालने के लिए विदेश भेज दिया जाता था। बयान में कहा गया, ‘‘पंद्रह हजार से अधिक आईपी पतों के विश्लेषण से खुलासा हुआ है कि ‘डिजिटल अरेस्ट’ धोखाधड़ी के अपराधी कंबोडिया सहित विदेशी स्थानों से परिचालन कर रहे थे, और अपराध की आय को खपाने और एकीकृत करने के लिए भारतीय खाताधारकों का उपयोग कर रहे थे। 

केवाईसी दस्तावेजों, सिम कार्ड और व्हाट्सऐप संचार अभिलेखों की जांच

प्रवक्ता के मुताबिक, एजेंसी ने पाया है कि नेटवर्क ने समन्वित तरीके और धन हस्तांतरण एजेंटों के माध्यम से उच्च मूल्य की राशि की लेनदेन की और फिनटेक बुनियादी ढांचे का उपयोग करके तेजी से धन हस्तांतरित किये। उन्होंने बताया, तलाशी के दौरान बरामद डिजिटल उपकरणों, केवाईसी दस्तावेजों, सिम कार्ड और व्हाट्सऐप संचार अभिलेखों की जांच की जा रही है, ताकि घरेलू सूत्रधारों और मुख्य षड्यंत्रकारियों के बीच संबंध स्थापित किए जा सकें और अपराध में प्रयुक्त कार्यप्रणाली, वित्तीय लेन-देन और संचार अवसंरचना का पता लगाया जा सके। : Crime | Crime in India | cyber crimes | cyber fraud | cyber security | cyber crime 

Advertisment
cyber crime cyber security cyber fraud cyber crimes Crime in India Crime
Advertisment
Advertisment