Advertisment

CBI जांच से क्यों भाग रही ममता सरकार? कोलकाता गैंगरेप पर BJP ने खोला मोर्चा

कोलकाता गैंगरेप मामले में बीजेपी की केंद्रीय समिति की एंट्री। पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह बोले, "ममता सरकार सहयोग नहीं करती तो मतलब सच छिपा रही है।" क्या बंगाल में बेटियां सुरक्षित हैं? न्याय की आस!

author-image
Ajit Kumar Pandey
कोलकाता में कथित गैंगरेप की जांच करती बीजेपी समिति के सदस्य सतपाल सिंह | यंग भारत न्यूज

कोलकाता में कथित गैंगरेप मामले की जांच के लिए गए बीजेपी की केंद्रीय समिति के सदस्य व पूर्व मंत्री सतपाल सिंह | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । पश्चिम बंगाल में एक कथित गैंगरेप की घटना ने राज्य की सियासत में भूचाल ला दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर, इस मामले की जांच के लिए एक चार सदस्यीय केंद्रीय समिति कोलकाता पहुंच चुकी है। समिति के सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बीजेपी पश्चिम बंगाल की हर बहन और बेटी के साथ मजबूती से खड़ी है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, हर कोई जानना चाहता है कि आखिर सच क्या है?

कोलकाता में कथित गैंगरेप पर सियासत गरमाई है। बीजेपी की केंद्रीय जांच समिति कोलकाता पहुंच चुकी है। क्या ममता सरकार सच्चाई छुपा रही है? पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह ने कहा, "बंगाल की हर बेटी के साथ बीजेपी खड़ी है, हमें उम्मीद है सरकार सहयोग करेगी, वरना मतलब साफ होगा - वे सच छिपाना चाहते हैं।"

पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमें उम्मीद है कि ममता बनर्जी सरकार हमें घटना स्थल पर जाने, जांच करने वाले अधिकारियों से बातचीत करने और कॉलेज प्रशासन से मिलने की अनुमति देगी।" यह बयान अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। क्या राज्य सरकार जांच में सहयोग नहीं कर रही है? या फिर कुछ ऐसा है जिसे छिपाने की कोशिश की जा रही है? समिति ने पुलिस कमिश्नर और मुख्य सचिव से मिलने का भी समय मांगा है।

Advertisment

अनुमति न मिलने पर उठे गंभीर सवाल

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "मुझे विश्वास है कि हमें वहां जाने की अनुमति मिलेगी, और यदि वे अनुमति नहीं देते हैं, तो इसका मतलब होगा कि वे सच्चाई को छिपाना चाहते हैं।" यह बात अपने आप में बहुत कुछ कहती है। अगर सरकार पारदर्शी है, तो उसे जाँच समिति को पूरा सहयोग करना चाहिए। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता, तो शक और गहरा होगा। यह स्थिति राज्य सरकार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

सियासत का पारा हाई, पीड़ितों को न्याय कब?

एक तरफ जहां बीजेपी इस मुद्दे को लेकर ममता सरकार पर हमलावर है, वहीं दूसरी तरफ पीड़ित परिवार न्याय की उम्मीद लगाए बैठा है। यह सिर्फ एक राजनीतिक दांव-पेंच का मामला नहीं, बल्कि एक बेटी के साथ हुए जघन्य अपराध का मामला है। क्या सियासी खींचतान में न्याय कहीं पीछे छूट जाएगा?

जनता की आवाज़ और सरकार की जिम्मेदारी

जनता इस घटना से स्तब्ध है और अपराधियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग कर रही है। यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह न केवल अपराधियों को पकड़े, बल्कि यह भी सुनिश्चित करे कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना किसी भी सभ्य समाज की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। क्या पश्चिम बंगाल सरकार इस चुनौती का सामना कर पाएगी?

Advertisment

आपका नजरिया इस खबर पर क्या है? नीचे कमेंट करें और अपने विचार साझा करें। 

CBI | Mamta | west bengal news |

bjp west bengal news west Bengal Mamta CBI
Advertisment
Advertisment