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कोलकाता - मुंबई और बेंगलुरु में बिल्डर्स पर बड़ी Raids! क्या है CBI का 'ऑपरेशन धोखा'

CBI ने कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु के 6 बिल्डर्स पर बड़ी कार्रवाई की है। 12 ठिकानों पर रेड हुई है, जो बिल्डरों और फाइनेंस अधिकारियों की मिलीभगत की जांच कर रही है। जानें धोखाधड़ी से करोड़ों डकारने वालों कैसे कसा शिकंजा?

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Ajit Kumar Pandey
कोलकाता - मुंबई और बेंगलुरु में बिल्डर्स पर बड़ी Raids! क्या है CBI का 'ऑपरेशन धोखा' | यंग भारत न्यूज

कोलकाता - मुंबई और बेंगलुरु में बिल्डर्स पर बड़ी Raids! क्या है CBI का 'ऑपरेशन धोखा' | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।कोलकाता, मुंबई और बेंगलुरु के हजारों घर खरीदारों को चूना लगाने वाले बिल्डरों पर सीबीआई का शिकंजा कस गया है। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी ने 6 बिल्डर कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए हैं और 12 से ज्यादा ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। 

समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, सीबीआई की यह कार्रवाई वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों और बिल्डरों के बीच मिलीभगत की जांच के लिए की जा रही है, जिसने आम आदमी की गाढ़ी कमाई डुबो दी। इस 'ऑपरेशन धोखा' से रियल एस्टेट सेक्टर में हड़कंप मच गया है। 

बिल्डरों का 'फर्जीवाड़ा': हजारों परिवारों का सपना कैसे टूटा? 

यह कहानी सिर्फ छह बिल्डर कंपनियों की नहीं है, बल्कि उन हजारों मध्यमवर्गीय परिवारों की है, जिन्होंने अपने जीवन भर की जमा पूंजी एक अदद घर के सपने को पूरा करने में लगा दी। इन बिल्डर कंपनियों पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी दस्तावेज, झूठे वादे और वित्तीय संस्थाओं से साठगांठ करके लोगों को धोखा दिया। 

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घर खरीदारों को सालों तक इंतजार कराया गया, लेकिन या तो प्रोजेक्ट पूरे नहीं हुए या फिर उन्हें घटिया निर्माण मिला। जब लोगों ने अपने पैसे वापस मांगे तो उन्हें टालमटोल का सामना करना पड़ा। यह सब एक संगठित तरीके से किया जा रहा था, जहां बिल्डरों ने नियम-कानून को ताक पर रखकर लाखों-करोड़ों का वारा-न्यारा किया। 

सीबीआई की जांच के दायरे में 6 बड़ी कंपनियां सीबीआई ने जिन छह बिल्डर/रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं, वे प्रमुख रूप से कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई में सक्रिय हैं। इन कंपनियों पर घर खरीदारों से पैसे लेने और प्रोजेक्ट पूरा न करने का गंभीर आरोप है। मामले में शामिल प्रमुख कंपनियां

M/s Ithaca Estate Private Limited, बेंगलुरु: बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की शिकायतें।

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M/s LGCL Urban Homes (India) LLP, बेंगलुरु: प्रोजेक्ट में देरी और अनियमितताओं का आरोप।

M/s Ozone Urbana Infra Developers Pvt. Ltd., बेंगलुरु: निवेशकों के साथ वित्तीय जालसाजी की जांच।

M/s Shashwati Realty Pvt. Ltd., मुंबई बेंगलुरु प्रोजेक्ट: मुंबई बेस्ड कंपनी का बेंगलुरू में फर्जीवाड़ा। 

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M/s MKHS Housing LLP, कोलकाता: घर खरीदारों को धोखा देने का केस।

M/s ACME Realities Pvt. Ltd, मुंबई: वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी का आरोप।

बिल्डर-फाइनेंसर ने मिलकर बुना जाल 

सीबीआई की जांच का सबसे महत्वपूर्ण पहलू बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों के बीच के कथित "नेक्सस" की पड़ताल है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इन बिल्डरों को गलत तरीके से लोन या फाइनेंस सुविधाएं मिलीं, जिससे वे बड़े-बड़े प्रोजेक्ट शुरू कर सके, भले ही उनके पास उन्हें पूरा करने की क्षमता न हो। 

कैसे काम करता था यह नेक्सस? 

फर्जी कागजात: बिल्डर फर्जी एसेट्स दिखाकर बैंकों और एनबीएफसी से बड़ा लोन लेते थे। 

अधिकारियों की चुप्पी: वित्तीय संस्थाओं के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने जानबूझकर इन अनियमितताओं को नजरअंदाज किया। 

पैसों का डायवर्जन: लोन का पैसा प्रोजेक्ट पूरा करने के बजाय, अन्य निजी कामों या दूसरी कंपनियों में लगा दिया गया। 

यह नेक्सस ही आम आदमी की मेहनत की कमाई को डुबोने का मुख्य कारण बना। 

सीबीआई के छापे से डरे बिल्डर: क्या अब मिलेगी न्याय की उम्मीद? 

सीबीआई की टीमें एक साथ मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु के 12 अलग-अलग ठिकानों पर सघन तलाशी अभियान चला रही हैं। तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल सबूत और वित्तीय लेनदेन से जुड़े रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं। 

एक सीबीआई अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "हमारा ध्यान न केवल बिल्डरों पर है, बल्कि उन सभी बैंक या एनबीएफसी अधिकारियों पर भी है जिन्होंने इस धोखाधड़ी में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहायता की। यह कार्रवाई एक संदेश है कि धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।" 

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