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केंद्रीय कैबिनेट के दो बड़े फैसले : क्या बदल जाएगी भारत की तस्वीर? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।केंद्रीय कैबिनेट ने भारत के भविष्य को आकार देने वाले दो बड़े फैसले लिए हैं: रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) योजना को मंजूरी और ₹1.07 लाख करोड़ की रोजगार-उन्मुख प्रोत्साहन योजना। इन योजनाओं से देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और नए युग के इनोवेशन का रास्ता खुलेगा, जिससे लाखों नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) योजना को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही, मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ₹1.07 लाख करोड़ की एक नई रोजगार-उन्मुख प्रोत्साहन योजना को भी हरी झंडी मिली है। ये दोनों फैसले एक साथ मिलकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
Cabinet approves employment linked incentive scheme to promote manufacturing with an outlay of Rs 1.07 lakh crore: I&B Minister
— Press Trust of India (@PTI_News) July 1, 2025
इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा: RDI योजना का लक्ष्य क्या है?
रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) योजना का मुख्य उद्देश्य देश में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना है। यह योजना भारत को ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका लक्ष्य है कि हमारे देश में न केवल नए उत्पादों और सेवाओं का विकास हो, बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तकनीकी समाधान तैयार किए जा सकें।
उन्नत अनुसंधान: इस योजना के तहत उच्च-स्तरीय अनुसंधान परियोजनाओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी, खासकर उन क्षेत्रों में जहां भारत को आत्मनिर्भरता हासिल करनी है, जैसे सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नवीकरणीय ऊर्जा।
स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र: यह योजना नए स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को प्रोत्साहित करेगी, जिससे वे अपने विचारों को वास्तविकता में बदल सकें। यह स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग और मार्गदर्शन का एक मजबूत ढांचा तैयार करेगी।
शैक्षणिक-औद्योगिक सहयोग: RDI योजना विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और उद्योगों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगी। इससे अकादमिक ज्ञान को व्यावहारिक अनुप्रयोगों में बदलने में मदद मिलेगी।
यह समझना जरूरी है कि इनोवेशन केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा।
रोजगार का महासागर: ₹1.07 लाख करोड़ की प्रोत्साहन योजना
कैबिनेट द्वारा अनुमोदित दूसरी बड़ी योजना ₹1.07 लाख करोड़ की रोजगार-उन्मुख प्रोत्साहन योजना है, जिसका सीधा संबंध मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र से है। इसका उद्देश्य भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना है। यह योजना विभिन्न उद्योगों में उत्पादन बढ़ाने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करेगी, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका मजबूत होगी।
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना का विस्तार: यह नई योजना मौजूदा PLI योजनाओं का विस्तार हो सकती है या उनके पूरक के रूप में काम कर सकती है। PLI योजनाएं पहले ही कई क्षेत्रों में उत्पादन को बढ़ावा देने में सफल रही हैं।
नौकरियों का सृजन: मैन्युफैक्चरिंग में वृद्धि से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों नए रोजगार पैदा होंगे। यह न केवल कुशल श्रमिकों के लिए बल्कि अर्ध-कुशल और अकुशल श्रमिकों के लिए भी अवसर प्रदान करेगा।
आत्मनिर्भर भारत की ओर: इस योजना से आयात पर निर्भरता कम होगी और भारत अधिक आत्मनिर्भर बनेगा। यह 'मेक इन इंडिया' पहल को भी और मजबूत करेगा।
यह योजना उन युवाओं के लिए एक बड़ी उम्मीद है जो रोजगार के अवसरों की तलाश में हैं। क्या आपको लगता है कि यह योजना भारत की बेरोजगारी दर पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी?
कैसे ये योजनाएं भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदलेंगी?
इन दोनों योजनाओं का एक साथ आना भारत के आर्थिक परिदृश्य के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है। एक तरफ RDI योजना भारत को तकनीकी रूप से उन्नत बनाएगी, वहीं दूसरी तरफ रोजगार-उन्मुख प्रोत्साहन योजना आर्थिक विकास को गति देगी और लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाएगी।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि: जब भारत में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण होगा और नवाचार बढ़ेगा, तो हम वैश्विक बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बन पाएंगे।
आर्थिक स्थिरता: नई नौकरियों और उत्पादन में वृद्धि से देश की अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिलेगी और बाहरी झटकों से निपटने की क्षमता बढ़ेगी।
युवाओं के लिए अवसर: ये योजनाएं युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार के नए रास्ते खोलेगी, जिससे वे देश के विकास में सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे।
यह सिर्फ आर्थिक आंकड़ों की बात नहीं है, बल्कि यह लाखों परिवारों के बेहतर भविष्य की बात है।
हालांकि ये योजनाएं बेहद महत्वाकांक्षी और आशाजनक हैं, लेकिन इनके सफल कार्यान्वयन के लिए कुछ चुनौतियां भी होंगी। इनमें कुशल कार्यबल तैयार करना, नौकरशाही बाधाओं को दूर करना और निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाए रखना शामिल है।
लेकिन अगर इन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना किया जाता है, तो भारत निश्चित रूप से एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा। ये योजनाएं न केवल देश की GDP को बढ़ाएंगी, बल्कि हर भारतीय के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएंगी।
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