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जब पर्यटक की पत्थर लगने से हुई थी मौत, तब कौन बोला था-पत्थर फेंकने वालों का कोई धर्म नहीं होता

दिन सोमवार , तारीख 7 मई, साल 2018 । यह वो तारीख है, जब घाटी में अमूमन कभी भी हो जाने वाली पत्थरबाजी की चपेट में एक पर्यटक आ गया था। जिसका नाम आर थिरुमनी था।

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Jyoti Yadav
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जब पर्यटक की पत्थर लगने से हुई थी मौत, तब कौन बोला था-पत्थर फेंकने वालों का कोई धर्म नहीं होता
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क | दिन सोमवार , तारीख 7 मई, साल 2018 । यह वो तारीख है, जब घाटी में अमूमन कभी भी हो जाने वाली पत्थरबाजी की चपेट में एक पर्यटक आ गया था। चेन्नई के रहने वाले 22 वर्षीय आर थिरुमनी , उस दिन गुलमर्ग से घूमकर अपने परिवार के साथ लौट रहे थे । श्रीनगर के बाहरी इलाके में सुरक्षाबलों पर हो रही पत्थरबाजी के बीच उनकी कार आ गई । उन्मादी भीड़ ने उनकी कार पर भी पत्थरबाजी की। इस घटना में थिरुमनी की सिर पर पत्थर लगने से मौत हो गई थी । यह घाटी में हुई हिंसा के दौरान किसी पर्यटक की हत्या का यह पहला ऐसा मौका था , जब इसे लेकर जमकर हंगामा हुआ । सत्ता पक्ष और विपक्ष सभी ने इन पत्थरबाजों को गलत ठहराया था । घाटी के सभी नेताओं ने पर्यटकों पर किसी तरह का कोई हमला नहीं करने की अपील तक लोगों से की थी । 

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सीएम ने परिवार से मांगी थी माफी

इस पत्थरबाजी में घायल हुए थिरुमनी के सिर पर पत्थर लगने से भारी खून बह रहा था , ऐसे में उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया , लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई थी । इस घटना से शर्मसार हुई सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पीड़ित परिवार से अस्पताल में रुहासा होकर माफी मांगी । उन्होंने इस दौरान अपने बयान में कहा था कि मेरा सिर शर्म से झुक गया है , यह बेहद दुखद और दिल दुखाने वाला है ।

महबूबा मुफ्ती बोली थीं- पत्थर फेंकने वाले का कोई धर्म नहीं होता

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उस दौरान महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आज से पहले ऐसा कभी नहीं सुना था । अब कई दिनों तक इस मुद्दे पर टीवी पर चर्चाएं होंगी , बहस होंगी । हम मानवता की हत्या चुपचाप देखते रहेंगे । जिस तरह की शिक्षा हमारे बच्चों को दी जा रही है , उससे मेरे अंदर की मां विचलित है । यह हम कौन सी शिक्षा दे रहे हैं कि सड़कों पर जा रहे लोगों पर पत्थर मारें । यह वह शिक्षा नहीं जो हमारे इस्लाम में दी जाती है । हमारा धर्म अपने मेहमान की देखभाल की शिक्षा देता है । ये लोग या लड़के जो किसी को मारने के लिए पत्थर उठाते हैँ, उनका कोई धर्म नहीं है। 

उमर अब्दुला बोले थे – मेरे इलाके में मारा गया युवा

उस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि चेन्नई का युवा मेरी विधानसभा में मारा गया , जबकि मैं इन गुंडों (पत्थरबाजों) का समर्थन नहीं करता हूं ।  इनके तरीके और विचारधारा के लिए मुझे अफसोस है । मुझे दुख इस बात का है कि यह घटना उस विधानसभा में हुई है , जिसका प्रतिनिधित्व 2014 से मैं कर रहा हूं । अगर हम अपने दिमाग पर जोर डालते तो हमें पता चलता कि हमने एक पर्यटक और एक मेहमान की जान ले ली है । 

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आखिर क्यों पर्यटकों पर नहीं होते हमले

असल में जम्मू कश्मीर में पर्यटन सोना उगलने वाली मशीन की तरह है । भले ही पिछले कुछ दशकों में घाटी में कितना भी आतंक का साया रहा हो , लेकिन इस दौरान आतंकियों ने कभी भी पर्यटकों को हाथ नहीं लगाया । आंकड़ों के अनुसार , 2023 से पहले जम्मू कश्मीर में 2 करोड़ के करीब पर्यटक प्रतिवर्ष आते थे, जिसमें देशी- विदेशी दोनों ही तरह के लोग शामिल थे। हालांकि पिछले कुछ समय में घाटी में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आने पर यह आंकड़ा साल दर दाल बढ़ता जा रहा है । आंकड़ों के अनुसार , विदेशी सैलानियों के जम्मू – कश्मीर आने के आंकड़ों में 700 फीसदी तक का इजाफा हुआ है । 

60 के दशक से पर्यटन चरम पर

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विदित हो कि 60 के दशक से ही जम्मू कश्मीर देसी विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद बनने लगा था । बालांकि 1989 में घाटी में आतंकवाद ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए , जिसके बाद पर्यटन में कमी तो आई , लेकिन कभी भी आतंकवादियों ने पर्यटकों को अपना निशाना नहीं बनाया । बाद में अगस्त 2019 के दौरान घाटी में सुरक्षा स्थिति बेहतर हुई , क्योंकि  मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत आतंकवाद पर अंकुश लगाया जा रहा था । इसके बाद हालाता धीरे धीरे सुधरने लगे और 2021 के बाद घाटी में हिंसक घटनाओं और पत्थरबाजी पर काफी हद तक काबू पा लिया गया। अमूमन यह पाकिस्तान के उकसावे पर होती थीं। लेकिन हाल के सालों में पर्यटकों की बढ़ती संख्या से घाटी में जमीनी बदलाव साफ नजर आया है ।

G-20 पर्यटन कार्य समूह का तीसरा सम्मेलन कश्मीर में हुआ था

विदित हो कि G20 की अध्यक्षता से मिले अवसर का लाभ उठाते हुए नई दिल्ली ने कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के सामने घाटी की पर्यटन क्षमता का प्रदर्शन किया । 22 मई 2023 को G20 पर्यटन कार्य समूह का तीसरा सम्मेलन कश्मीर घाटी में आयोजित किया गया, जहां पर्यटन क्षेत्र में हरित, लचीले और समावेशी विकास के मुद्दे पर चर्चा हुई। उस इस बैठक के ज़रिए प्रशासन को सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में सर्वश्रेष्ठ वैश्विक अभ्यासों के बारे में काफ़ी कुछ सीखने को मिला. इस बैठक के परिणामस्वरूप कई देश क्षेत्र में पर्यटन की स्थिति को लेकर अपने दिशानिर्देशों में कुछ बदलाव करने के लिए मजबूर हुए। घाटी में आने वाले 30,647 विदेशी पर्यटकों में से ज्य़ादातर यूरोप, मध्य पूर्व, मलेशिया और थाईलैंड से थे। विशेष रूप से मुस्लिम देशों से आने वाले पर्यटकों की तादाद बढ़ रही है, जिससे पता चलता है कि कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान द्वारा नई दिल्ली पर लगाए गए झूठे आरोपों का मुस्लिम दुनिया में भंडाफोड़ हो गया है। ब्रिटिश-अरब सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर अमजद ताहा ने 4 अगस्त 2023 को कश्मीर का दौरा किया और घाटी के भीतर “भारत के शांति प्रयासों” की उन्होंने सराहना की थी।

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