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'मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं' : खजुराहो की मूर्ति पर टिप्पणी विवाद के बाद बोले CJI बीआर गवई

चीफ जस्टिस बी.आर. गवई ने खजुराहो के मंदिर विवाद पर सफाई दी है। उनकी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरह से पेश किया गया, जिसके बाद हिंदू संगठनों और अधिवक्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।

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Ajit Kumar Pandey
'मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं' : खजुराहो की मूर्ति पर टिप्पणी विवाद के बाद बोले Chief Justice बीआर गवई | यंग भारत न्यूज

'मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं' : खजुराहो की मूर्ति पर टिप्पणी विवाद के बाद बोले Chief Justice बीआर गवई | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने खजुराहो में भगवान विष्णु की मूर्ति पर की गई अपनी टिप्पणी पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि वो सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और उनकी बात को सोशल मीडिया पर गलत ढंग से पेश किया गया। यह पूरा विवाद एक याचिका की सुनवाई के दौरान शुरू हुआ था, जब उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा था कि वो खुद भगवान से प्रार्थना करें। 

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई थी जिसमें खजुराहो के प्रसिद्ध जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की 7 फीट की मूर्ति को दोबारा स्थापित करने की मांग की गई थी। इस सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस गवई की बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता से कहा, "खुद भगवान से जाकर कहो कि वो कुछ करें।" 

उन्होंने यहां तक कह दिया कि यह 'पब्लिसिटी के लिए की गई याचिका' है। इसके बाद उन्होंने याचिकाकर्ता को पास के शिव मंदिर में पूजा करने की सलाह दी। इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर भूचाल आ गया। 

क्या था सीजेआई गवई का असल मकसद? 

दरअसल, सीजेआई गवई की बेंच का कहना था कि यह मामला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकार क्षेत्र में आता है। अदालत इस तरह के मामलों में सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकती। उनका यह भी कहना था कि याचिकाकर्ता को पहले एएसआई से संपर्क करना चाहिए था। 

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लेकिन, उनकी 'भगवान से जाकर कहो' वाली टिप्पणी ने लोगों को यह मानने पर मजबूर कर दिया कि उन्होंने हिंदू धर्म का मज़ाक उड़ाया है। 

सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणियों को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं और यहां तक कि उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की भी मांग उठने लगी। 

विश्व हिंदू परिषद और अधिवक्ताओं की प्रतिक्रिया 

इस विवाद के बाद विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख आलोक कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अदालत कक्ष में भाषा का प्रयोग संयम के साथ होना चाहिए। 

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कई अधिवक्ताओं ने भी सीजेआई गवई को पत्र लिखकर अपने बयान वापस लेने की मांग की। एक पत्र में लिखा गया, "हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति इस मामले को गंभीरता से लेंगे और हर धर्म की गरिमा को बनाए रखेंगे।" 

यह दिखाता है कि इस मामले की गंभीरता सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर समाज के अन्य हिस्सों में भी हुआ है। 

'सभी धर्मों का सम्मान करता हूं' - चीफ जस्टिस की सफाई 

बढ़ते विवाद को देखते हुए, सीजेआई बीआर गवई ने अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है और वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें किसी ने बताया कि सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणी को अलग ढंग से दिखाया जा रहा है। उनकी यह सफाई उस गुस्से को शांत करने की कोशिश मानी जा रही है जो उनके बयान के बाद पैदा हुआ था।

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Khajuraho Temple Controversy | Chief Justice BR Gavai | Social Media Misrepresentation | Hindu Organizations Reaction 

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