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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः सुप्रीम कोर्ट कालेजियम के दो फैसले विवाद खड़ा करने वाले रहे। एक फैसला पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपुल पंचोली से जुड़ा है तो दूसरा फैसला खुद सीजेआई से जुड़ा है। उनके भतीजे का नाम उस लिस्ट में शामिल है जिसमें 14 वकीलों को बाम्बे हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश कालोजियम ने की है।
सीजेआई के चचेरे भाई के बेटे हैं एडवोकेट राज वकोडे
भतीजे का नाम राज दामोदर वकोडे है। वो सीजेआई के चचेरे भाई डा. राजेंद्र गवई के बेटे हैं। राज वकालत करते हैं। हालांकि उनके साथी कहते हैं कि वो बेहद काबिल वकील हैं। जबकि उनके पिता राजेंद्र गवई कहते हैं कि राज को सीजेआई का दूर का रिश्तेदार कहना सही होगा। लेकिन इस बात में दम नहीं लगता, क्योंकि राज के नाम की सिफारिश उसी कालेजियम ने की है जिसकी अगुवाई सीजेआई गवई करते हैं।
कानून की पढ़ाई में हासिल किए थे 60.34% अंक
एक रिपोर्ट के अनुसार राज ने अपनी पढ़ाई महाराष्ट्र बोर्ड से की थी। 1996 में अमरावती डिवीजन में 12वीं की परीक्षा में वो मेरिट लिस्ट में थे। उसके बाद वो साइंस पढ़ने लग गएष 2001 में उन्होंने Msc में गोल्ड मेडल हासिल किया था। 2004 में उन्होंने अमरावती से वकालत की डिग्री हासिल की। ला की पढ़ाई के दौरान उनके मार्क्स 60.34% थे। अपने स्कूली जीवन से ही उनको एक मेधावी छात्र माना जाता था।
जस्टिस नितिन सांब्रे के चेबर में करते थे प्रैक्टिस
कानून की डिग्री हासिल करने के बाद राज वकोदे ने जस्टिस नितिन सांब्रे के चेंबर में प्रैक्टिस शुरू की। जस्टिस सांब्रे अब दिल्ली हाईकोर्ट में तैनात हैं। पिछले दो दशकों से वो सिविल और आपराधिक मामलों की पैरवी करते आ रहे हैं। बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के अलावा वो जिला अदालतों और ट्रिब्यूनलों में जाकर मामलों की पैरवी करते रहे हैं। हालांकि उनको जज बनाने के लिए मेरिट का हवाला दिया गया होगा लेकिन एक बात तो साफ है कि भतीजे का नाम जजों की लिस्ट में होने से सीजेआई की साख तो गिरेगी। अगर वो खुद कालेजियम के अध्यक्ष न होते तो बात दूसरी थी पर यहां तो वो खुद कमान में हैं।
CJI Gavai, CJI's nephew, Bombay High Court, Raj Damod Wakode