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सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने मध्यप्रदेश और राजस्थान में कथित रूप से संदूषित कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत होने के मद्देनजर छह राज्यों में खांसी की दवा, एंटीपाइरेटिक्स और एंटीबायोटिक समेत 19 दवाओं की विनिर्माण इकाइयों में जोखिम आधारित निरीक्षण शुरू किया है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि विनिर्माण इकाइयां हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में हैं, जहां विभिन्न दवाओं के 19 नमूने निर्मित किए गए। मध्य प्रदेश सरकार ने छिंदवाड़ा में संदिग्ध गुर्दे की विफलता के कारण 14 बच्चों की मौत के बाद कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। दवा के नमूनों में अत्यधिक जहरीला पदार्थ पाया गया है।
सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम में बना
जांच में पता चला कि यह सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम में बना था. मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार देर शाम हमारे साथ परिणाम साझा किए गए. नमूनों में डीईजी की मात्रा स्वीकार्य सीमा से अधिक थी. इसके बाद, तमिलनाडु सरकार ने कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और इसे बाजार से हटाने का आदेश दिया। बढ़ती घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी कर निर्देश दिया कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाइयां नहीं दी जाएं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले DGHS ने परामर्श में कहा कि आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप की सिफारिश नहीं की जाती है।
सीडीएससीओ ने तीन अक्टूबर को यह निरीक्षण शुरू किया
मंत्रालय ने कहा कि सीडीएससीओ ने तीन अक्टूबर को यह निरीक्षण शुरू किया, जिसका उद्देश्य उन कमियों की पहचान करना है जिनके कारण दवा की गुणवत्ता में कमी आई है तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रक्रिया में सुधार का सुझाव देना है। मंत्रालय ने कहा कि इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान, सीडीएससीओ और एम्स-नागपुर के विशेषज्ञों की एक बहु-विषयक टीम मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और उसके आसपास के इलाकों में हुई मौतों के कारणों का आकलन करने के लिए विभिन्न नमूनों और कारकों का अब भी विश्लेषण कर रही है।
कोल्ड्रिफ है जो मौतों के बाद से जांच के दायरे में
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सीडीएससीओ द्वारा जांचे गए छह दवा के नमूने और मध्यप्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एमपीएफडीए) द्वारा जांचे गए तीन नमूने डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) संदूषकों से मुक्त पाए गए, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं। मंत्रालय के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि सीडीएससीओ द्वारा अब तक जिन नमूनों की जांच की गई है, वे दो संदिग्ध कफ सिरप के नहीं थे, जिनमें से एक कोल्ड्रिफ है जो मौतों के बाद से जांच के दायरे में है।
कफ सिरप के नमूनों का विश्लेषण अब भी जारी
एक सूत्र ने बताया, सीडीएससीओ द्वारा जांचे गए छह दवा के नमूनों में डीईजी/ईजी की मौजूदगी नहीं पाई गई। ये नमूने एंटीबायोटिक्स, एंटीपायरेटिक्स और ओंडान्सेट्रॉन समेत अन्य दवाओं और सिरप के थे, जिनका सेवन मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बीमार पड़े बच्चों ने किया था। मध्यप्रदेश राज्य औषधि प्रशासन द्वारा कोल्ड्रिफ और अन्य संदिग्ध कफ सिरप के नमूनों का विश्लेषण अब भी जारी है।
मध्यप्रदेश सरकार के अनुरोध पर, तमिलनाडु खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कांचीपुरम (तमिलनाडु) स्थित श्रीसन फार्मा की निर्माण इकाई से एकत्रित ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप के नमूनों का परीक्षण किया। मंत्रालय ने कहा,‘‘शुक्रवार देर शाम हमारे साथ परिणाम साझा किए गए... नमूनों में डीईजी की मात्रा स्वीकार्य सीमा से अधिक थी। इसके बाद, तमिलनाडु सरकार ने कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और इसे बाजार से हटाने का आदेश दिया।
STORY | Death of 14 children: MP bans Coldrif cough syrup sale; toxic chemical found in samples
— Press Trust of India (@PTI_News) October 5, 2025
The Madhya Pradesh government has banned the sale of Coldrif cough syrup following the death of 14 children in Chhindwara due to suspected renal failure, with officials stating the… pic.twitter.com/aTe2YK9Cct
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