Advertisment

जानें: कैसे चार दिनों में "real hero" बनीं देश की ये दो ब‍ेटियां

चार दिन में देश की दो जांबाज बेटियां कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। दोनों अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के झूठे दावों को बेनकाब किया। स्पष्ट किया कि भारत की कार्रवाई केवल आतंकवाद के खिलाफ थी।

author-image
Ranjana Sharma
OPERATION SINDOOR
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00
नई दिल्‍ली, वाईबीएन नेटवर्क: देश की दो बहादुर बेटियां  कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह आज हर भारतीय की जुबान पर हैं। इन दोनों जांबाज अफसरों ने न केवल दुश्मनों को करारा जवाब दिया, बल्कि अब शांति प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। शनिवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में ये दोनों अधिकारी मीडिया के सामने आईं और सीजफायर को लेकर अहम जानकारी दी। कर्नल सोफिया कुरैशी ने साफ शब्दों में कहा कि, "पाकिस्तान के कई दावे पूरी तरह झूठे हैं। हमने किसी आम नागरिक या सेना को निशाना नहीं बनाया, हमारा मिशन सिर्फ आतंकवाद को खत्म करना था। उन्होंने बताया कि भारत की तरफ से कोई उकसावे की कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन जवाब जरूर दिया गया जब देश की सुरक्षा को चुनौती दी गई। इसी कड़ी में वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि, "दोनों देशों की आपसी सहमति के बाद सीजफायर को लेकर तैयारियां हुई हैं। हालांकि, भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पहले की तरह जारी रहेगी।
Advertisment

जमकर हो रही है देश की दोनों बेटियों की तारीफ

इन दोनों अधिकारियों के बयानों ने ना केवल देश के रुख को स्पष्ट किया बल्कि यह भी दिखाया कि भारत की बेटियां अब सैन्य मोर्चे पर किसी से पीछे नहीं हैं। मात्र चार दिनों में कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका ने देशवासियों का दिल जीत लिया है और अपनी निर्णायक भूमिका से खुद को साबित कर दिया है। इन दोनों अफसरों के बयानों के बाद सोशल मीडिया पर भी उनकी जमकर सराहना हो रही है। लोग उन्हें "रियल हीरो" और "भारत की शेरनियां" कह रहे हैं।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह

Advertisment
118 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना में कमीशन होने वाली विंग कमांडर व्योमिका सिंह को देश की सबसे कुशल और अनुभवी महिला विंग कमांडरों में शुमार किया जाता है। उनके पास चेतक और चीता जैसे लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स उड़ाने का गहरा अनुभव है। वायुसेना में 13 वर्षों की सेवा के बाद, 18 दिसंबर 2017 को उन्हें विंग कमांडर के पद पर पदोन्नत किया गया। आज उनके नाम पर हजारों फ्लाइंग ऑवर्स दर्ज हैं, जो उन्हें एक अत्यंत सक्षम पायलट बनाते हैं। अपनी प्रेरणादायक कहानी साझा करते हुए व्योमिका बताती हैं कि कक्षा 6 में ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे एयरफोर्स में जाएंगी। इसके पीछे एक भावनात्मक वजह थी—उनका नाम। उन्होंने कहा, "कक्षा में नामों पर बहस हो रही थी, जब मैंने अपना नाम बताया, जिसका अर्थ है 'जो आसमान को मुट्ठी में भर ले' तभी तय कर लिया, अब आसमान मेरा होगा। उस दौर में जब भारतीय वायुसेना में महिलाओं की संख्या बेहद सीमित थी, व्योमिका ने UPSC के ज़रिए एयरफोर्स में एंट्री ली और एक हेलिकॉप्टर पायलट के रूप में अपनी पहचान बनाई। वह मानती हैं कि हेलिकॉप्टर पायलट की भूमिका में लिए गए मुश्किल फैसलों ने उन्हें मानसिक रूप से बेहद मजबूत बनाया। इतना ही नहीं, वर्ष 2021 में भारतीय वायुसेना की महिला विंग द्वारा की गई माउंट मणिरंग चढ़ाई में भी वह शामिल थीं, जिससे उन्होंने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया।

कर्नल सोफिया कुरैशी

कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना के कॉर्प्स ऑफ सिग्नल से जुड़ी एक जांबाज़ अधिकारी हैं। 35 वर्षीय सोफिया ने हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिन्दी में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों की जानकारी बेबाक़ी से दुनिया के सामने रखी, जिससे पाकिस्तान की पोल खुल गई। कर्नल सोफिया भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास 'फोर्स 18' में भारतीय सेना के कॉन्टिंजेंट का नेतृत्व किया। यह उपलब्धि उन्होंने वर्ष 2016 में हासिल की थी। गुजरात से ताल्लुक रखने वाली कर्नल कुरैशी एक सैन्य परिवार से आती हैं और बायोकेमेस्ट्री में डिग्री भी रखती हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन के तहत कोंगो में छह साल तक सेवा देकर भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है।
Indian Army Action indian army Sofia Qureshi
Advertisment
Advertisment